टोक्यो ओलंपिक: जानें जर्मन महिला जिम्नास्ट के कपड़ों पर क्यों हो रही चर्चा

खेल दुनिया
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नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में खिलाड़ियों की प्रतिभा के अलावा जर्मनी की महिला जिमनास्टिक्स की भी हर तरफ चर्चा हो रही है। जर्मन महिला खिलाड़ियों ने खेल के जरिए ‘फ्रीडम ऑफ चॉइस’ यानी अपने पसंद के कपड़े पहनने की आजादी को प्रमोट करने का फैसला किया।

रविवार को हुए मुकाबले में जर्मनी की महिला जिमनास्टिक्स फुल बॉडी सूट में नजर आईं। खिलाड़ियों का कहना था कि ये कपड़े पसंद की आजादी को बढ़ावा देने और महिलाओं को प्रोत्साहित करने के हिसाब से डिजाइन किए गए हैं ताकि महिला खिलाड़ी इसमें सहज महसूस कर सकें। टीम की खिलाड़ियों सारा वॉस, पॉलीन शेफर-बेट्ज, एलिजाबेथ सेट्ज और किम बुई ने लाल और सफेद रंग के यूनिटार्ड पहन कर मैदान में उतरीं। ये लियोटार्ड और लेगिंग्स को मिलाकर बनाया गया था। ये ड्रेस पूरे पैर को कवर कर रही थी। इस टीम ने अपने ट्रेनिंग के दौरान भी ऐसे ही कपड़े पहने थे। जर्मन खिलाड़ियों के इस फैसले की हर कोई सराहना कर रहा है।

प्रतियोगिताओं में महिला जिमनास्टिक्स को पूरे या हाफ बाजू वाले पारंपरिक लियोटार्ड पहनना होता है। ये पहली बार है जब फ्रीडम ऑफ चॉइस के तहत महिला खिलाड़ियों ने इस तरह के कपड़े पहने।