पटना। बिहार में सियासी उठा पटक के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घनिष्ठ माने जाने वाले मुंगेर से सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिये गये। आज शाम हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस पर मुहर लग गई। मीडिया की सुर्खियां बनने के बावजूद केंद्र में मंत्री नहीं बनाये जाने की कसक अब न तो नीतीश कुमार को रहेगी और न ही ललन सिंह को।
ललन को राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान सौंप कर नीतीश कुमार ने अपने तीनों करीबियों को संतुष्ट कर दिया है। साथ ही जातीय समीकरण भी साधा है। जदयू के कद्दावर नेता ललन सिंह अब पार्टी के सवर्ण चेहरा होंगे। पार्टी ने उन्हें सोशल इंजीनियरिंग के साथ ही जातीय और सामाजिक समीकरण के लिहाज से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है। हालांकि राजनीतिक गलियारों में जोरदार चर्चा है कि नीतीश ने अपने तीनों चहेतों को सेट कर दिया। जदयू में नंबर दो की हैसियत रखने वाले आरसीपी सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही पार्टी संविधान के मुताबिक संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष भी थे।
जदयू के संविधान के मुताबिक पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष ही संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष भी होता है, लेकिन जब कुछ माह पहले आरएलसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी को जदयू में मर्ज कर दिया और उनकी जदयू में इंट्री हो गयी। इसके साथ ही नीतीश कुमार ने लव-कुश समीकरण को साधने के लिए पार्टी के संविधान को अघोषित रूप से शिथिल करते हुए उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया।