प्रशांत अंबष्ठ
बोकारो। यह घटना बेहद शर्मनाक है। उप स्वास्थ्य केंद्र होने के बाद भी इलाज के लिए बीमारी बच्ची को खाट के सहारे बाहर ले जाना पड़ा। यह घटना झारखंड के बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अतर्गत पचमो पंचायत के झुमरा पहाड़ के निकटवर्ती संताली बहुल गांव सिमरावेड़ा का है।
ग्रामीणों ने बताया कि झुमरा पहाड़ क्षेत्र से गोमिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 50 से 60 किलोमीटर दूर है। झुमरा पहाड़ में उप स्वास्थ्य केंद्र बीते तीन वर्षों से बनकर तैयार है। हालांकि यहां चिकित्सीय व्यवस्था बहाल नहीं है। इसके कारण अस्पताल बंद रहता है।
इतना ही नहीं एक गांव से दूसरे गांव जाने के लिए सड़क भी नहीं है। इसके कारण एक आदिवासी ग्रामीण वहाराम मांझी अपनी बीमार पुत्री का इलाज कराने के लिए खाट में टांग कर उसे बाहर ले गये। इतना ही नहीं, सरकारी अस्पताल दूर होने के कारण प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराने के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ा।
ग्रामीणों ने बताया कि झुमरा पहाड़ और गांव में विकास का काम हुआ है। यहां के संताली गांव सिमरावेड़ा और सिमरावेड़ा उपर टोला के अलावा निकट के गांव बलथरवा एवं अमन में आने-जाने के लिए सड़क तक नहीं है। सिमरावेड़ा निवासी वहाराम की पुत्री क्षोटी कुमारी दो दिन पूर्व एक दुर्घटना मे घायल हो गयी थी। उसे इलाज कराने के लिये बाहर ले जाना था। इसके लिए मुख्य सड़क मार्ग तक दो किलोमीटर खटिया के सहारे लाना पड़ा, ताकि वाहन से बाहर ले जाया जा सके।
ग्रामीणों ने कहा कि पंचायत स्तर में पर विकास के लिए आने वाले फंड से प्राथमिकता के आधार पर योजना गांव में देने से आज ये हालात नहीं होते। झुमरा पहाड़ से अमन तक प्रधान मंत्री सड़क योजना के तहत लिंक पथ बनाया जा रहा है। हालांकि हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल द्वारा बलथरवा से अमन गांव तक एनओसी नहीं दिया गया है। इसके कारण बीते दो वर्षों से निर्माण कार्य रूका हुआ है। प्रखंड के बीडीओ कपिल कुमार ने कहा कि गावों में मनरेगा योजना के तहत विकास के कार्य किये गये हैं। गांव को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए लिंक पथ का सर्वे कराकर सड़क बनाने की बात कही।