इस लेडी IPS अफसर से खौफ खाते हैं अपराधी, बॉलीवुड फिल्मों में भी कर चुकी हैं काम

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नई दिल्ली। खाकी वर्दी पहनने वाली टॉप लेवल पुलिस अफसर का फिल्म में काम करना बड़े चैलेंज का काम है, लेकिन आईपीएस अधिकारी सिमाला प्रसाद ने ऐसा कर दिखाया है. एक तरफ, अपराधी इनके नाम से ही खौफ खाते हैं तो दूसरी तरफ वह कई बॉलीवुड फिल्मों में नजर आ चुकी हैं. हाल में एस्पिरेंट नाम की एक वेबसीरीज आई थी, जिसमें यूपीएससी की तैयारी कर रहे तीन दोस्तों की कहानी दिखाई गई है.

इस मौके पर हम आपको कुछ ऐसे ही लोगों की स्टोरी बता रहे हैं, जिन्होंने कई मुश्किलों का सामना कर यूपीएससी पास किया. सिमाला प्रसाद को बचपन से ही डांस और एक्टिंग का शौक था. वह स्कूल में भी डांस और एक्टिंग में हमेशा आगे रहती थीं. स्कूल और कॉलेज के दौरान उन्होंने कई नाटकों में काम किया था. सिमाला प्रसाद का जन्म 8 अक्टूबर 1980 भोपाल में हुआ और उन्होंने अपनी पढ़ाई यही से की. सिमाला प्रसाद की प्रारंभिक शिक्षा सेंट जोसफ कोएड स्‍कूल में हुई. इसके बाद उन्होंने स्‍टूडेंट फॉर एक्‍सीलेंस से बीकॉम और बीयू से पीजी करके पीएससी परीक्षा पास की. भोपाल के बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी से सोशियोलॉजी में पीजी करने वालीं सिमाला प्रसाद गोल्ड मेडलिस्ट भी रही हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पीएससी परीक्षा पास करने के बाद सिमाला प्रसाद की पहली पोस्ट‍िंग डीएसपी के तौर पर हुई थी. इसी नौकरी के दौरान उन्होंने यूपीएससी एग्जाम के लिए तैयारी की और पहले प्रयास में ही सफलता मिल गई. सिमाला ने आईपीएस बनने के लिए किसी भी कोचिंग संस्‍थान का सहारा नहीं लिया, बल्कि सेल्‍फ स्टडी के जरिए ये मुकाम हासिल किया. 

सिविल सर्विस में जाने की नहीं थी चाहत
सिमाला प्रसाद बताती हैं कि कभी नहीं सोचा था कि सिविल सर्विस में जाना है, लेकिन घर के माहौल ने मेरे भीतर आईपीएस बनने की चाहत जगाई. मुझे लगा कि देश की सेवा के लिए इससे अच्छा प्लेटफॉर्म नहीं हो सकता. सिमाला प्रसाद के पिता डॉ भागीरथ प्रसाद पूर्व आईपीएस और सांसद रहे हैं. वहीं उनकी मां मेहरुन्न‍िसा परवेज जानी-मानी साहित्यकार हैं, जिन्हें पद्मश्री से नवाजा जा चुका है. 

सिमाला के नाम से खौफ खाते हैं अपराधी
सिमाला प्रसाद एक दबंग अफसर के तौर पर पहचान रखती हैं और अपराधी उनके नाम से खौफ खाते हैं. मध्य प्रदेश के डिंडौरी में पोस्टिंग के दौरान उन्होंने अलग पहचान बनाई और नक्सल प्रभावित इस इलाके में अपनी धमक बना दी थी. सिमाला प्रसाद फिलहाल मध्य प्रदेश के बैतुल में एसपी के पद पर कार्यरत हैं.

डायरेक्टर ने देखते ही कर दिया रोल ऑफर
डायरेक्टर जैगम इमाम की दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान सिमाला प्रसाद से मुलाकात हुई. सिमाला की सादगी और खूबसूरती देखकर जैगाम ने उनसे मिलने का समय मांगा और अपनी फिल्म ‘अलिफ’ की स्क्रिप्ट सुनाने के बाद उन्होंने तत्काल रोल के लिए ऑफर कर दिया था. इसके बाद सिमाला ने फिल्म ‘अलिफ’ से फिल्मों में डेब्यू किया. यह फिल्म नवंबर 2016 में ऑस्ट्रेलिया में इंडियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ क्वींसलैंड में बतौर वर्ल्ड प्रीमियर प्रदर्शित हुई और फरवरी 2017 में रिलीज हुई.

इसके बाद उन्होंने साल 2019 में आई फिल्म ‘नक्काश’ में पत्रकार को रोल निभाया. सिमाला प्रसाद ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था, ‘डायरेक्टर जैगम इमाम ने जब फिल्म ‘अलिफ’ की स्टोरी सुनाई तो मुझे लगा कि लोगों में अवेयरनेस लाने के लिए फिल्म में काम करना चाहिए और मैं मना नहीं कर पाई.’ बता दें कि इस फिल्म में मदरसे से स्कूल तक की कहानी को दर्शाया गया था.