पटना। बिहार की चर्चित मुखिया रितू जायसवाल इस बार पंचायत चुनाव नहीं लड़ेंगी। इस बाबत उनका कहना है कि अब उनकी जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं और लोगों की अपेक्षाएं भी।
उन्होंने कहा कि परिहार विधान सभा में 38 पंचायतें हैं और जहां से भी लोगों की आवाज आती है मैं जाती हूं। इसलिए मेरी जवाबदेही में ये सभी 38 पंचायत हैं। उन्होंने कहा कि सिंहवाहिनी से उनका गहरा लगाव है। इसलिए इस पंचायत से कोई गलत व्यक्ति चुनाव नहीं जीते, इस पर उनकी पैनी नजर रहेगी।
वह चाहती हैं कि सिंहवाहिनी से कोई योग्य व्यक्ति मुखिया बने। इसकी तलाश भी वह कर रही हैं। यहां बता दें कि साल 2016 में रितु जायसवाल सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया चुनी गईं थीं। इसके बाद उन्हें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ‘चैंपियंस ऑफ चेंज’ पुरस्कार से नवाजा था।
दरअसल, उन्होंने 2017 में अपने पंचायत क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त करवाया था। जिसके कारण वे देश-दुनिया में चर्चित हो गई थीं। वहीं पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में वे परिहार विधान सभा से महागठबंधन की उम्मीदवार थीं, लेकिन महज 1569 वोटों से चुनाव हार गईं।उन्हें 71,851 वोट मिले थे।
चुनाव नतीजों के बाद उन्होंने आरोप लगाया था कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए उन्हें भी शासन-प्रशासन के लोगों ने वोटों की गिनती में गड़बड़ी कर हरवा दिया।