मुंबई। लगभग 45 साल पहले दुबई से लौटे इंडियन एयरलाइंस का विमान क्रैश हो गया था, इसमें सभी 95 यात्री मारे गए। सज्जाद थांगल नामक भी इसी फ्लाइट से सफर करना था लेकिन आखिरी मौके उन्होंने यात्रा रद्द कर दी।
सज्जाद के कई परिचित इस हादसे का शिकार हो गए, इस कारण उन्हें सदमा लग गया। वह हादसे के बाद मुंबई लौट आए थे। पनवेल में उन्हें कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सहारा दिया। सोशल एंड इवैंजेलिकल असोसिएशन फॉर लव आश्रम के पादरी केएम फिलिप ने बताया कि 70 के दशक में सज्जाद थांगल दुबई और अबू धाबी में कार्यक्रम का आयोजन कराते थे। फ्लाइट वाले हादसे में उनके परिचित भी शिकार हो गए। इस कारण थांगल पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस का शिकार हो गए। मुंबई में वह छोटे-मोटे काम जैसे कि वीजा और पासपोर्ट का फॉर्म भरना, कैटरिंग लाइन में नौकरी करने लगे। बूढ़े और बीमार इंसान के तौर पर साल 2019 में उन्हें शेल्टर होम में लाया गया। वह जल्द ही ठीक हो गए और अपनी कहानी सुनाने लगे।
जिसके बाद आश्रम के लोगों ने केरल के कोल्लम जिले के शाशथमकोट्टा गांव में उनके परिवार के बारे में पता लगाया। गांव में उनकी 91 साल की मां फातिमा बीबी और भाई-बहन हैं। बेटे के बारे में जानकारी मिलते ही मां फातिमा फूट-फूटकर रो पड़ीं। प्लेन हादसे में परिवार को मृतकों की लिस्ट में थांगल का नाम नहीं मिला था। इस कारण उन्हें बेटे की जिंदा रहने की उम्मीद थी।