मौन प्रदर्शन कर प्राइवेट स्‍कूलों की मनमानी का विरोध किया अभिभावक संघ ने

झारखंड
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रांची। झारखंड अभिभावक संघ के तत्‍वावधान में चलाए जा रहे आंदोलन #हमारी भी सुनें हेमंत सरकार, निजी स्कूल दे रहे दुख अपार# के दूसरे दिन 27 जुलाई को सदस्‍यों ने मौन प्रदर्शन किया। रांची के मोरहाबादी मैदान स्थित गांधी प्रतिमा (बापू वाटिका) के समक्ष दोपहर 12 बजे से 1.30 तक सदस्‍यों ने धरना दिया। इसकी अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष अजय राय ने की। बारिश के बावजूद सदस्यों ने भीगते हुए धरना में प्ले कार्ड के साथ मौन प्रदर्शन किया।

इस अवसर पर अजय राय ने कहा कि झारखंड सरकार खुद इस बात का सर्वे करा कर देख ले कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल राज्य में कितने लोगों की कोविड के कारण मृत्यु हुई। कितने बेरोजगार हुए। लॉकडाउन लगाया जाना सरकार का निर्णय था, जिसके कारण छोटे-छोटे धंधे करने वाले लोग बेरोजगार हुए। वही, मल्टीनेशनल या दूसरे प्राइवेट संस्थानों में काम करने वाले लोगों को भी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इन परिस्थिति में लोगों का अपना घर परिवार चला पाना मुश्किल हो गया है तो वह प्राइवेट स्कूलों की तरफ से जारी हर तरह का फीस कैसे भरें।

इस अवसर पर बलवंत सिंह, रमेश साहू, विजय सिंह, रामदीन कुमार, आलोक कुमार, अक्षय कुमार, वीर बहादुर सिंह, ललित मिश्रा, संजय सर्राफ, मुकेश साहू, जितेंद्र कुमार, पिंटू कुमार, उत्तम कुमार सहित अन्य शामिल हुए।

संघ की मांगें

पिछले साल निकाले गए विभागीय आदेश (पत्रांक 1006, दिनांक 25/06/2020) का शत-प्रतिशत पालन सत्र 2021-22 में भी सुनिश्चित हो।

शुल्क के अभाव में छात्रों को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं किया जाए।

संबद्धता प्राप्त निजी विद्यालयों की मनमर्जी पर नकेल कसा जाए। विद्यालय स्तरीय पारदर्शी शिक्षण शुल्क समिति का गठन सुनिश्चित हो।

झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 को राज्य के सभी जिले में पूर्णतया पारदर्शी तरीके से लागू किया जाय। शिक्षण के अनुपात में ही शिक्षण शुल्क का निर्धारण करने, एक्ट के तहत पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन हर स्कूल में हो।

निजी विद्यालयों के पिछले 5 साल की ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा राज्य सरकार करें, ताकि जिस स्कूल की आर्थिक स्थिति सही है। वहां विभिन्न मदों में लिए ली जाने वाले शुल्क पर रोक लगे। जिन स्कूलों की आर्थिक हालात खराब है, उन्हें आपदा राहत कोष से आर्थिक पैकेज सरकार दे।

स्कूलों में चलने वाली बसों के टैक्स, इंश्योरेंस माफ करने को लेकर कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार प्रस्ताव पारित करे।

स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारियों का वेतन पूर्व की तरह सुनिश्चित हो।