अब नीरव मोदी अदालत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील नहीं कर सकेगा। हाईकोर्ट के जज ने अपील के लिए अदालत में पेश किए गए कागजात पर फैसला लिया और निर्धारित किया कि धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए मोदी के प्रत्यर्पण के पक्ष में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फरवरी के फैसले के खिलाफ अपील करने का कोई आधार नहीं है।
नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक को 14,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का चूना लगाने का आरोप है। आरोप लगने के बाद से फरार नीरव मोदी ने पिछले ही महीने लंदन हाईकोर्ट में भारत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ एक अपील दायर की थी। 15, अप्रैल 2021 को यूके की गृह सचिव प्रीति पटेल ने आदेश दिया था कि 50 साल के नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाए। 19 मार्च, 2019 को लंदन में गिरफ्तार किये जाने के बाद से ही नीरव मोदी वांड्सवर्थ जेल में कैद है। करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगने के बाद नीरव मोदी 1 जनवरी, 2018 को भारत छोड़ कर फरार हो गया था। ट्रायल कोर्ट ने नीरव के खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी किया था।
जून 2018 में नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था। यूके पुलिस ने नीरव मोदी को गिरफ्तार किया था। उसने जमानत के लिए कई बार अर्जी दी लेकिन वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट और हाईकोर्ट ने बार-बार उसकी अर्जी खारिज कर दी।