लोक जनशक्ति पार्टी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी प्रमुख चिराग पासवान के न चाचा साथ हैं और न भाई। मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार की चर्चा से भी चिराग पासवान का नाम गायब है। इन सबके बीच लोक जनशक्ति पार्टी के पांच सांसदों ने पार्टी प्रमुख के नेतृत्व से अलग होने का फैसला कर लिया है। इसे लोकजनशक्ति पार्टी में बड़ी फूट के रूप में देखा जा रहा है।
बागी गुट ने, रामविलास पासवान के भाई और चिराग के चाचा पशुपति पारस को लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता बनाने का फैसला किया है। इस संबंध में पांचों सांसदों ने लोक सभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र भी भेज दिया है। पत्र के माध्यम से ओम बिड़ला से मांग की है कि उन्हें एलजेपी से अलग मान्यता दी जाए। माना जा रहा है कि इनका ये कदम चिराग पासवान के लिए बिहार की राजनीति में मुश्किल खड़ी करने वाला होगा।
चिराग के सामने यह चुनौती ऐसे समय में आई है, जब मोदी कैबिनेट के विस्तार की चर्चा जोरों पर है। पार्टी के पांच सांसद- पशुुपति पारस पासवान (चाचा), प्रिंस राज (चचेरे भाई), चंदन सिंह, वीणा देवी और महबूब अली केशर के अलग होने से अब चिराग पार्टी में अकेले ही रह गए हैं।