नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से पिछले वर्ष से ही बच्चों के स्कूल बंद हैं। ऐसे में वैकल्पिक रूप से बच्चों को घर बैठे पढ़ाने के लिए स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई भी चल रही है।
लेकिन दूर-दराज के इलाकों में नेटवर्क की समस्या भी रहती है। इस समस्या का सामना शिक्षक और बच्चे दोनों ही कर रहे हैं। आज हम आपको ऐसे शिक्षक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने नेटवर्क की समस्या से निजात पाने के लिए तथा बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए पेड़ पर ही घर बना लिया।
कोडगु जिले के मुल्लूर गांव में एक स्कूल शिक्षक ने अपने छात्रों के साथ डिजिटल जुड़ने और कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए एक ट्री-टॉप हाउस का समाधान निकाला है। स्कूल शिक्षक ने बांस और घास सहित वेस्ट मैटेरियल का उपयोग कर एक आम के पेड़ पर एक कमरा बनाया है।
जमीन से 20 फीट की ऊंचाई पर बने इस कमरे से अब नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या दूर हो गई है। बता दें कि सतीश मुल्लूर के गवर्मेंट लोअर प्राइमरी स्कूल में शिक्षक हैं। वह पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए क्लास लेते हैं। पेड़ के ऊपर सतीश न केवल सुरक्षित महसूस करते हैं, बल्कि तिरपाल की दोहरी परत तानकर इस अस्थाई कार्यालय को वाटरप्रूफ भी बना दिया है।
अपने इस कक्षा में उन्होंने एक मोबाइल स्टैंड और एक फोकस लाइट भी लगाया है। फोकस लाइट जलाकर वह यह सुनिश्चित करते हैं कि जो बच्चे उनकी क्लास में हैं उन्हें सबकुछ साफ-साफ दिखाई दे।