
चंपारण। न घोड़ी-डोली-रथ और न ही बैंड बाजा, अनोखे रूप में बारातियों संग गोद में चढ़ कर ब्याह रचाने एक दूल्हे राजा ससुराल के लिए चले। यह वाक्या है बिहार के बेतिया (पश्चिम चंपारण) के रामनगर थाना क्षेत्र स्थित बभनी गांव का। दरअसल जैसे ही बंधु गोंड के बेटे प्रमोद कुमार की बारात निकलने लगी, गांव में अचानक बाढ़ का पानी घुस गया।
ऐसे में बारात निकलनी मुश्किल हो गई। उधर शादी के मुहूर्त में विलंब न हो जाए, ऐसे में दूल्हे का जाना ज्यादा जरूरी हो गया। तब दोस्तों ने दूल्हे को गोद में लेकर गांव से किसी प्रकार बाहर निकाला। उसके बाद वहां से बारात निकाली जा सकी। बारात रामनगर के बभनी से मोतिहारी जानी थी। बारिश के बीच गांव में पानी घुसने से रास्ता अवरुद्ध हो गया, जिससे गांव तक वाहन नहीं पहुंच सका। दूल्हे को घर से सूखे स्थान तक पहुंचाने के तीन फीट गहरे पानी में घुसकर दोस्तों ने उसे वाहन तक पहुंचाया। गांव में बाढ़ का पानी घुसने को भले ही प्राकृतिक आपदा की संज्ञा दे दी जाती है, लेकिन कहीं न कहीं क्षेत्र में विकास के दावों की पोल भी खुलती नजर आ रही है।
यह मानसून की पहली बारिश है और आगे अभी पूरी बरसात बाकी है। जरा यह भी सोचिए कि अगर यही हालात रहे, तो ब्याह के बाद दुल्हन को इस गांव में लाने में कितनी परेशानी होगी।