- कोरोना काल में यह मिल का पत्थर सिद्ध हुआ है : अजित कुमार
योगेश कुमार पांडेय
गिरिडीह। बीते डेढ़ वर्षों से लगभग वर्ग 1 से 8 तक के बच्चों की पढ़ाई रुक सी गई थी। विभाग द्वारा ऑनलाइन क्लास का संचालन किया जा रहा था। शिक्षक बच्चों के अभिभावक का ग्रुप बनाकर उनके व्हाट्सएप पर कॉन्टेंट भेजते थे। ऑनलाइन क्लास का भी संचालन शिक्षकों द्वारा किया जा रहा था।
राज्य के कई जिलों में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 60 फीसदी से अधिक बच्चों के अभिभावकों के पास स्मार्टफोन नहीं है। ऐसी परिस्थिति में ऑनलाइन क्लास संचालन और कंटेंट के माध्यम से 25 से 30 प्रतिशत बच्चों तक ही पहुंचा जा सका। ग्रामीण क्षेत्र में बिजली और इंटरनेट की सुविधा नहीं है। इन इलाकों में महज 15 प्रतिशत बच्चे लाभांवित हो पा रहे थे। इसका ठीकरा शिक्षकों पर फोड़ा जा रहा था।
इसके बाद झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की जमुआ इकाई ने डिजिटल शिक्षा से वंचित विद्यार्थियों के लिए मुहल्ला क्लास शुरू करने का निर्णय लिया। संघ के जमुआ प्रखंड इकाई के अध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि इसे लेकर संघ के सदस्यों की 13 जून को जूम मीटिंग हुई। फिर जिला शिक्षा पदाधिकारी पुष्पा कुजूर, जिला शिक्षा अधीक्षक अरविंद कुमार, जिला अतिरिक्त कार्यक्रम पदाधिकारी अभिनव सिन्हा, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी विद्या सागर मेहता से मुहल्ला क्लास संचालन की जानकारी दी गई। सभी पदाधिकारी से चर्चा के बाद की मुहल्ला क्लास की शुरुआत जमुआ प्रखंड में की गई।
आज मुहल्ला क्लास की विद्यार्थियों में काफी लोकप्रिय हो गया है। अब पूरे राज्य स्तर पर मुहल्ला क्लास संचलान की रूपरेखा तैयार की जा रही है। जल्द ही कोविड की गाइडलाइन का पालन करते हुए पूरे झारखंड में मुहल्ला क्लास का संचालन किये जाने की उम्मीद है।