रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने छठी जेपीएससी की मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है। छठी जेपीएससी परीक्षा परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी ने 7 जून को फैसला सुनाया।
छठी जेपीएसस में 326 (CO, BDO & DSP) अधिकारियों का नियुक्ति हुई थी। कोर्ट ने जेपीएससी को आदेश देते हुए कहा पुनः सरकार को चार सप्ताह के अंदर नई नियुक्ति भेजे। क्वालिफाइंग पेपर का मतलब मिनिमम अंक प्राप्त करना भी कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। हर पेपर में सफल होना अनिवार्य करने की प्रार्थी की दलील भी कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
जानकारी हो कि इस मामले में प्रार्थी और राज्य सरकार की ओर से फरवरी में बहस पूरी कर ली गई थी। जेपीएससी ने भी अपना पक्ष रख दिया था। लगातार एक हफ्ते तक बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। प्रार्थी की ओर से सीनियर वकील व पूर्व महाधिवक्ता अजित कुमार और शुभाशीष राशिक सोरेन ने पक्ष रखा।
विदित हो कि छठी जेपीएससी के परीक्षा परिणाम को लेकर झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में सुनवाई चली थी। प्रार्थी और राज्य सरकार की ओर से बहस पूरी कर ली गई थी। दिलीप कुमार सिंह व राहुल कुमार सहित 17 अन्य लोगों ने छठी जेपीएससी परीक्षा को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। राहुल कुमार वाद में 965 के संशोधित रिजल्ट को चैलेंज किया गया था, जिस पर सबकी निगाहें टिकी थी।
इसके अलावे प्रार्थियों की ओर से अदालत को बताया गया कि जेपीएससी ने अंतिम परिणाम जारी करने में कई गड़बड़ियां की है। पेपर वन (हिंदी व अंग्रेजी) में अभ्यर्थियों को सिर्फ क्वालिफाइंग मार्क्स लाना था। उसका अंक कुल प्राप्तांक में नहीं जोड़ा जाना था, लेकिन जेपीएससी ने इसे कुल प्राप्तांक में जोड़ दिया। इसके अलावा सभी पेपर में अलग-अलग निर्धारित न्यूनतम अंक लाना अनिवार्य था, लेकिन जेपीएससी ने दोनों पेपर के अंक को जोड़कर मेरिट लिस्ट बनाई। इसके चलते ऐसे अभ्यर्थियों का चयन हो गया है, जो एक पेपर निर्धारित न्यूनतम अंक भी नहीं लाए हैं।