रांची। निदेशक प्रमुख (स्वास्थ्य सेवाएं) के साथ एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ की वार्ता सोमवार को विफल हो गई। इसके बाद झारखंड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ के आह्वान पर राज्य के सभी जिले के कर्मचारियों का आंदोलन 15वें दिन भी जारी रहा। संघ विभाग में सीधे समायोजन की मांग कर रहा है।
संघ के कार्तिक उरांव ने बताया कि 14 जून, 2021 को निदेशक प्रमुख ने वार्ता के लिए बुलाया था। इसमें कर्मचारी संघ के विभिन्न जिलों के पदधारी शामिल हुए थे। निदेशक प्रमुख स्तर से पूर्व में भी कई बार वार्ता की गयी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा टालमटोल का रवैया अपनाया जाता रहा। इसके कारण बीते 5 सालों से एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्यकर्मियों के वेतन में 1 रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं हुई है।
एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्यकर्मी कोरोना में सबसे पहले पायदान पर रहकर काम कर रहे हैं। इस दौरान दो कर्मचारी की मृत्यु भी कोरोना संक्रमण से हो चुकी है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के सचिव से मिलकर वार्ता होने के बाद लिखित आश्वासन मिलने पर ही शांतिपूर्ण आंदोलन समाप्त करेंगे। बीते 13 सालों से विभाग में कार्य करने करने के संघ कर्मियों के सीधे विभाग में समायोजन की मांग कर रहा है।