सीसीएल के डॉक्‍टर के स्थानांतरण पर झारखंड उच्च न्यायालय ने लगाई रोक

झारखंड
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  • केंद्रीय अस्पताल ढोरी से पिपरवार किया गया था तबादला

प्रशांत अंबष्‍ठ

बोकारो। झारखंड उच्‍च न्‍यायालय ने सीसीएल के डॉ नीतीश कुमार के स्‍थानांतरण पर रोक लगा दी है। यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया है। उनका तबादला केंद्रीय अस्‍पताल ढोरी से पिपरवार कर दिया गया था। इस मामले की सुनवाई की प्रकिया जारी रहेगी।

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एसएन पाठक ने डॉ नीतीश कुमार की याचिका स्वीकार करते हुए यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। डॉ नीतीश के अधिवक्ता लोकेश्वरी बनर्जी ने न्यायालय को बताया कि उनका तबादला नियमों के विरुद्ध किया गया है। सीसीएल की ओर से अधिवक्ता एके मेहता ने कोई काउंटर एफिडेविट फाइल नहीं किया। इसके लिए समय मांगा। इसलिए न्यायाधीश ने यथास्थिति बरकरार  रखने का आदेश दिया। इस केस की सुनवाई की प्रकिया जारी रहेगी।

डॉ नीतीश कुमार

इस संबंध में डॉ नीतीश ने बताया कि विगत 9 वर्षों में उनका 5 बार तबादला हुआ, जिससे वह काफी परेशान थे। उन्होंने इस संबंध में उच्च अधिकारियों से बात की, पर कोई लाभ नहीं हुआ। बाध्य होकर उन्हें उच्च न्यायालय में जाना पड़ा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में सीसीएल के अरगड्डा एरिया के क्षेत्रीय अस्पताल गिद्दी में जॉइन किया।

वर्ष, 2012 में ट्रांसफर होकर रिजनल अस्पताल ढोरी आये। वर्ष, 2016 में ढोरी से रिजनल अस्पताल बीएंडके एरिया कर दिया गया। फिर 2019 में बीएंडके से केंद्रीय अस्पताल ढोरी एरिया और 2021 में ढोरी से पिपरवार एरिया स्थानांतरण कर दिया गया।

इस तरह उनके तबादले का सिलसिला चलता आ रहा है। कंपनी में कई ऐसे चिकित्सक हैं, जिनका तबादला 15 से 20 वर्षों से नहीं हुआ है। इसलिए उन्होंने इन सारी बातों को उच्च न्यायालय में अपने अधिवक्ता के माध्यम से विचार के लिए रखा।