योगी सरकार का फैसला: तीन साल से एक ही जगह पर तैनात कर्मचारी हटाए जाएंगे

उत्तर प्रदेश
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राज्य सरकार ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए 12 मई 2020 को प्रतिबंधों के साथ सभी प्रकार के तबादलों पर रोक लगा दी थी। नए सत्र 2020-21 के लिए विभागाध्यक्षों को 20 मार्च 2018 में निर्धारित नीति के आधार पर तबादला करने का अधिकार दिया गया है। सचिवालय के कर्मचारी इसके दायरे में नहीं आएंगे। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने तबादला नीति संबंधी शासनादेश जारी किया। स्थानांतरण रुकवाने के लिए सिफारिश व दबाव डलवाने वाले कर्मियों पर सेवा नियमावली के तहत कार्रवाई की जाएगी।

जिलों में समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के जो अधिकारी तीन साल पूरा कर चुके हैं, उन्हें जिले के बाहर स्थानांतरित किया जाएगा। मंडल में सात वर्ष की सेवा पूरी करने वाले दूसरे मंडलों में स्थानांतरित कियाए जाएंगे। मंडलीय व विभागाध्यक्ष कार्यालयों की तैनातियों को इसके दायरे में नहीं माना जाएगा। पति-पत्नी दोनों के सरकारी सेवा में होने पर यथासंभव एक ही जिले में तैनाती दी जाएगी। दिव्यांग कर्मी या ऐसे जिनके आश्रित परिवारीजन दिव्यांग है तो वे इस नीति के दायरे में नहीं आएंगे।