रोसेऊ। डोमिनिका की अदालत ने भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी की जमानत की अर्जी खारिज कर दी है। उनके वकील विजय अग्रवाल ने यह जानकारी गुरुवार को दी है।
दरअसल, डोमिनिका में अवैध रूप से घुसने के आरोपों का जवाब देने के लिए मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था। चोकसी के वकील ने बताया कि वो अब ऊपरी अदालत में अपील करेंगे। मेहुल पर डोमिनिका में पुलिस की ओर से अवैध रूप से प्रवेश करने का आरोप लगाया गया था, जब वह भारत में प्रत्यर्पण से बचने के संभावित प्रयास में एंटीगुआ और बारबुडा से कथित रूप से भाग गया था।
भारत में जन्मा यह भगोड़ा फिलहाल चाइना फ्रेंडशिप अस्पताल में है। वह व्हीलचेयर पर कोर्ट आया था। न्यायाधीश बर्नी स्टीफेंसन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मामले की सुनवाई की।
चोकसी के वकील विजय ने कहा, “हमारा मानना है कि मेहुल चौकसी अवैध हिरासत में है, क्योंकि उसे 72 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना था, जबकि ऐसा नहीं किया गया, इससे उनके रुख की पुष्टि हुई है। उपचार के दौरान उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने को कहा गया है। इससे मेहुल चोकसी की अवैध हिरासत की पुष्टि होती है, जैसा कि बचाव पक्ष की दलील है।”
उन्होंने कहा कि जिस विषय की सुनवाई की जा रही है, वह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका है, न कि भारत में उसे प्रत्यर्पित करने का विषय। उसकी नागरिकता का विषय अदालत के सामने नहीं है। मीडिया की विभिन्न खबरों के विपरीत भारत सरकार के बारे में कोई चर्चा ही नहीं हुई।
इस बीच, भारत से एक टीम कैरेबियाई अदालत की सुनवाई से पहले डोमिनिका पहुंच गई है, जो यह तय करेगी कि भगोड़े हीरा व्यवसायी को भारत भेजा जाएगा या नहीं।
उल्लेखनीय है कि मेहुल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपित हैं। मेहुल देश छोड़कर भाग गया और उसे जनवरी 2018 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता दी गई।