लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ गुरुवार को अहम बैठक की। काफी मंथन के बाद यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को निरस्त किए जाने का फैसला लिया गया। लोक भवन में मुख्यमंत्री ने यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को लेकर बैठक बुलाई। बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के साथ यूपी बोर्ड से जुड़े अफसर व अन्य अधिकारी शामिल रहे। जिसमें शिक्षा बोर्ड द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने पेश की।
आधे घंटे से अधिक तक मुख्यमंत्री ने बोर्ड परीक्षा को लेकर अफसरों के साथ चर्चा की। जिसमें शिक्षा बोर्ड के द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में परीक्षा रद्द किए जाने की बात कही गई। रिपोर्ट और वर्तमान में बोर्ड परीक्षा को लेकर काफी अधिक शैक्षिक सत्र पहुंच जाने के चलते मुख्यमंत्री ने अंतरिम निर्णय लेते हुए यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा निरस्त करने के फैसले पर अपनी मुहर लगाई। परीक्षा निरस्तीकरण की जानकारी डॉ दिनेश शर्मा ने बैठक के बाद दी।
कोरोना महामारी ने शैक्षिक सत्र में गहरा असर डाला है। महामारी की चपेट में आए उत्तर प्रदेश में यूपी बोर्ड समेत सभी बोर्ड की पढ़ाई प्रभावित रही। स्कूलों में शिक्षा के प्रभावित होने का असर बोर्ड परीक्षाओं पर पड़ा और यूपी बोर्ड 10वीं की परीक्षाएं निरस्त होने के बाद आज प्रदेश सरकार ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा को भी रद्द किए जाने का फैसला लेना पड़ा। सरकार के निर्णय के बाद शैक्षिक सत्र 2020-21 में शामिल बोर्ड परीक्षार्थियों को प्रमोट किया जाएगा। यह पहला मौका होगा कि कोई भी परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए बिना अगली कक्षाओं में पहुंचेंगे। शिक्षा विभाग ने परीक्षार्थियों को प्रमोट करने का आधार तय किया गया है।
बता दें कि, यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में 14,73,771 छात्र और 11,35,730 छात्राओं को मिलाकर कुल 26,09,501 परीक्षार्थियों का पंजीयन हुआ था। इन सभी परीक्षार्थियों को बोर्ड के नीति के आधार पर प्रमोट किया जाएगा।