मुंबई। एसीसी लिमिटेड ने ग्रीन बिल्डिंग सेंटर्स (जीबीसी) के माध्यम से जीवन जीने का एक अनूठा और दीर्घकालिक मॉडल पेश किया है। 2020 में एसीसी ने जीबीसी प्रोडक्ट्स के माध्यम से पूरे भारत में 31,477 किफायती घरों को सक्षम किया। ग्रीन बिल्डिंग सेंटर भारत में टिकाऊ निर्माण सामग्री, निर्माण तकनीक और स्थानीय रूप से प्रशिक्षित कार्यबल को बढ़ावा देकर दीर्घकालिक और किफायती आवास समाधान प्रदान करने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
ग्रीन बिल्डिंग सेंटर दरअसल रूरल-कनेक्ट की एक पहल है, जो ग्रामीण और अर्ध-शहरी विकास में सहायक और प्रेरक के रूप में कार्य करती है। इसके तहत निर्माण को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए सीमेंट और कंक्रीट से भी आगे जाकर सोचने का प्रयास किया जाता है। पारंपरिक तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली ईंटों के अन्य किफायती विकल्पों की तलाश की जाती है। यह प्रयास एसीसी की मूल कंपनी लाफार्ज होल्सिम के सस्टेनेबल डेवलपमेंट रोडमैप 2030 के अनुरूप है।
दुनिया भर में अनूठे एक फ्रैंचाइजी व्यवसाय मॉडल के आधार परएसीसी द्वारा समर्थित स्थानीय उद्यमियों ने भारत के विभिन्न जिलों में संचालित 100 केंद्र स्थापित किए हैं। 2020 में, प्रत्यक्ष आजीविका सहायता प्राप्त करने वाले जीबीसी के लाभार्थियों की कुल संख्या 3,150 से अधिक थी।
इसके अलावा, जीबीसी अपने मेसन ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से आजीविका पैदा करने में भी मदद करते हैं, जिसका उद्देश्य निर्माण में कौशल विकसित करना है। प्रत्येक केंद्र प्रत्यक्ष रूप से 30 लोगों को और परोक्ष रूप से 120 लोगों को आजीविका के लिए योगदान देता है।
एसीसी लिमिटेड के एमडी और सीईओ श्रीधर बालकृष्णन ने कहा, ‘ग्रीन बिल्डिंग सेंटर एक अनूठा कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य किफायती आवास, स्वच्छता समाधान, गांवों और अर्ध-शहरी इलाकों में सड़क निर्माण से संबंधित समाधान प्रदान करना है। यह लोगों और समुदायों के लिए हमारी योजना में एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। एसीसी में हम समुदायों को गले लगाने और वास्तविक परिवर्तन को प्रभावित करने के लिए मिलकर काम करने में विश्वास करते हैं। जीबीसी में मेसन ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से, हम युवा भारतीयों को आत्म-विकास के लिए वास्तविक अवसर भी देते हैं। हम न केवल स्थायी निर्माण समाधानों के साथ अपने राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं, बल्कि उद्यमिता, आजीविका और कौशल विकास पहल के माध्यम से देश के युवाओं को सशक्त भी बनाना चाहते हैं।’
वर्ष 2020 में एसीसी ने 43 नए जीबीसी की स्थापना की, जिससे कुल संख्या 150 से अधिक केंद्रों तक पहुंच गई, जिनमें से 100 संचालन में हैं और बाकी निर्माणाधीन हैं।
अपने मूल में सस्टेनबिलिटी एजेंडा के साथ, 2020 में एसीसी ने सामूहिक रूप से 70,740 टन फ्लाई ऐश के उपयोग, पृथ्वी की प्राकृतिक ऊपरी मिट्टी के 1,53,271 टन के संरक्षण और 10,788 टन कार्बन उत्सर्जन से बचने में योगदान दिया। एसीसी के माध्यम से लाफार्ज होल्सिम इंडिया का लक्ष्य 2025 तक अर्ध-शहरी और ग्रामीण भारत में 10 लाख घरों और शौचालयों के निर्माण को सुविधाजनक बनाने का है।