इजरायली सेना में अपनी सेवाएं दे रही हैं दो गुजराती बेटियां

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जूनागढ़/अहमदाबाद। आज की बेटियां किसी से कम नहीं हैं। हर क्षेत्र में युवतियां अब युवकों से कंधा से कंधा मिला कर काम कर रही हैं। बेटियां ऑटो रिक्शा से लेकर फाइटर प्लेन चलाने और समाजसेवा से लेकर युद्ध के मैदान में अपने कारनामें दिखा चुकी हैं। इजरायल की सेना में इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिला है। इजराइल की सेना में जूनागढ़ के माणावदार की दो बेटियां भी अपनी सेवाएं दे रही हैं। उन्होंने अपने परिवार, समाज और देश का नाम रोशन किया है।

पिछले कुछ सालों में इजरायली सेना की लड़ाकू इकाइयों में महिला योद्धाओं की संख्या बढ़ी हैं। इजराइल की सेना में गुजरात की दो बहनें भी शामिल हुई हैं। मूल रूप से जूनागढ़ जिले के माणावदार तहसील के एक छोटे से कोठडी गांव के मूल निवासी जीवाभाई मुलियासिया और उनके भाई सवदासभाई मुलियासिया दोनों ही इजराइल के तेल अवीव में ला कर बस गए हैं। वह एक किराने की दुकान चलाते हैं। इस परिवार की दो बेटियां निशा और रिया दुनिया की सबसे ताकतवर इजरायली सेना में शामिल होकर अपना नाम बना रही हैं। इनमें निशा मुलियासिया इजरायल की सेना में जगह पाने वाली पहली गुजराती महिला भी हैं। निशा वर्तमान में इजरायली सेना के संचार और साइबर सुरक्षा विभाग में सेवारत हैं, साथ ही हेडलाइन फ्रंटलाइन यूनिट हेड भी हैं। वह वर्तमान में इजरायली सेना प्री-सर्विस में है और दूसरी कमांडो की ट्रेनिंग कर रही है।
उल्लेखनीय है कि इजरायल और हमास के बीच पिछले 11 दिन से चल रहा संघर्ष आखिरकार गुरुवार को थम गया। माना जा रहा है कि अमेरिका के दबाव में यह फैसला लिया गया है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो 64 बच्चों और 38 महिलाओं समेत कम से कम 227 फिलिस्तीनी मारे गए और 1,620 लोग घायल हैं। हमास और इस्लामिक जिहाद ने कम से कम 20 लड़ाकों के मारे जाने की बात मानी है, जबकि इजरायल का कहना है कि कम से कम 130 लड़ाके मारे गए हैं और करीब 58,000 फिलिस्तीनी अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं। हमास हमले में एक भारतीय महिला की भी मौत हो गई थी।