वर्तमान हालात में लोगों को बदलनी होगी दिनचर्या : डॉ डी राम

झारखंड
Spread the love

  • केंद्रीय मनश्चिकित्‍सा संस्‍थान ने मनाया स्‍थापना दिवस

रांची। वर्तमान कोरोना महामारी में अमूमन हर वर्ग के लोग मानसिक समस्‍याओं से जूझ रहे हैं। उनमें अवसाद, चिंता, डर उत्‍पन्‍न हो गया है। सोने की समस्‍या भी हो रही हे। इसे देखते हुए हमें अपनी दिनचर्या को बदलना होगा। व्‍यायाम करना होगा। ऑनलाइन गतिविधियां बढ़ानी होगी। रिश्‍तेदार या दोस्‍तों से लगातार बातचीत करनी होगी। जरूरत पड़ने पर प्रोफेशनल्‍स से मदद भी ले सकते हैं। उक्‍त बातें रांची के कांके स्थित केंद्रीय मनश्चिकित्‍सा संस्‍थान के पूर्व निदेशक डॉ डी राम ने कही। वे 17 मई को संस्‍थान के स्‍थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्‍य अतिथि बोल रहे थे। इस अवसर पर स्‍मारिका का विमोचन भी किया गया।

इस अवसर पर अतिथियों का स्‍वागत करते हुए संस्‍थान के निदेशक डॉ वासुदेव दास ने कहा कि सीआईपी 104वां स्‍थापना दिवस मना रहा है। वर्तमान में हमारे पास ओपीडी नहीं है। जल्‍द ही संस्‍थान में न्‍यू ओपीडी, मल्‍टीस्‍टोरी भवन और सर्विस की मंजूरी मि‍लने की संभावना है। उन्‍होंने कहा कि वर्तमान कोरोना महामारी के वक्‍त संस्‍थान के डॉक्‍टर लोगों को ऑनलाइन सेवाएं दे रहे हैं। कुछ सेवाएं 24 घंटे उपलब्‍ध है। जरूरत पड़ने पर लोग अपनी समस्‍याओं का निराकरण उनसे संपर्क कर पा सकते हैं।

इस अवसर पर डॉ सुब्रत पोद्दार, डॉ संजय राज जी और डॉ जेडब्‍ल्‍यू जेम्‍स ने विभिन्‍न विषयों पर व्‍याख्‍यान दिये। डॉ पोद्दार ने ‘सुसाइड क्राइसिस इंटरवेंशन : रोल रिडिफाइन्‍ड’ विषय पर अपनी बात रखी। डॉ संजय ने वर्तमान हालात में बच्‍चों में होने वाली मानसिक बीमारी पर चर्चा की। उन्‍हें घर में व्‍यस्‍त रखने के विभिन्‍न आयामों पर चर्चा की। डॉ जेम्‍स ने वर्तमान कोविड महामारी के दौरान मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य की रक्षा और देखभाल करने पर विस्‍तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर अल्‍यूमिनी मीट का भी आयोजन किया। इसमें देश विदेश से 100 लोग पूर्ववर्ती विद्यार्थियों ने भाग लिया।