रांची। जानलेवा लापरवाही भारी पड़ सकती है। भले, राजधानी रांची में कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी आ रही है, मगर संक्रमण का दौर थमा नहीं है। ऐसे में झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में घातक लापरवाही दिख रही है। रिम्स के मल्टी स्टोरी पार्किंग में 300 से अधिक बेड वाला कोरोना वार्ड बनाया गया है। ऑक्सीजन सपोर्टेड इस वार्ड में मरीजों के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं, लेकिन मरीजों के साथ रहने वाले परिजनों के लिए अलग से कोई इंतजाम नहीं है।
ऐसे में मरीजों के तीमारदार एक ही बेड पर संक्रमित मरीज के साथ ही सो रहे हैं, जिससे कि उन्हें संक्रमित होने की पूरी संभावना है।अस्पताल में इलाज करा रहे ज्यादातर मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, जिनकी मॉनिटरिंग के लिए तीमारदारों को तैनात किया गया है, जिससे कि उनके ऑक्सीजन लेवल पर नजर रखी जा सके, लेकिन ज्यादातर परिजन मरीजों के पास होने के बावजूद ना तो डबल मास्क लगा रहे हैं और ना ही हाथों में ग्लब्स।
ऐसी स्थिति में अस्पताल के अंदर उन्हें इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा है। चूंकि एक्सपर्ट ने भी कोरोना वायरस के हवा में होने की बात कही है। साथ ही कहा है कि इनफेक्टेड जोन में रहने से इंफेक्शन होने के 80 पर्सेंट चांस हैं।
मरीजों को दवाएं और इंजेक्शन देने वाली नर्स और डॉक्टर तो पीपीई किट पहनकर मरीजों के पास जाते हैं, जिससे कि उन्हें इंफेक्शन का खतरा नहीं के बराबर होता है, लेकिन मरीजों के पास रहने वाले परिजन चलने फिरने में असमर्थ मरीजों को उठाकर या सहारा देकर टॉयलेट बाथरूम के लिए ले जाते हैं, तब उन्हें इंफेक्शन होने का 90 परसेंट तक खतरा होता है। क्योंकि उनके पास ना तो एन 95 मास्क होता है और ना ही पीपीइ किट।