नौसेना ने आंध्र प्रदेश में चालू किये दो ऑक्सीजन प्लांट

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नई दिल्ली​​। ​ऑक्सीजन​ ​संकट के बीच भारतीय नौसेना ने आंध्र प्रदेश में दो ऐसे ​ऑक्सीजन संयंत्रों​ को सात दिन की कड़ी मेहनत के बाद मरम्मत करके रविवार को चालू किया है जो 06 साल से खराब पड़े थे​।​​ नौसेना डॉकयार्ड विशाखापत्तनम की टीमों ​के प्रयास से ​​नेल्लोर और श्री कालाहस्ती ​के ​​​​​​​​ऑक्सीजन संयंत्र​ शुरू होने से ​​​आंध्र प्रदेश में ​काफी हद तक ​ऑक्सीजन ​​की ​कमी दूर हुई है​​​​​​।​​

दरअसल कोविड की दूसरी लहर के दौरान आंध्र प्रदेश में भी ​ऑक्सीजन का संकट है​। राज्य के ​​नेल्लोर और श्री कालाहस्ती में स्थित ​संयंत्र खराब पड़े होने से यहां ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं हो पा रहा था​। कई बार मरम्मत कराये जाने के बावजूद कामयाबी नहीं मिल पाई तो राज्य प्रशासन ने नौसेना से मदद मांगी​। इस पर पूर्वी नौसेना कमान ने विशाखापत्तनम से नौसेना डॉकयार्ड से विशेषज्ञों की टीमों को नौसेना के विमान से एयरलिफ्ट करके इन ​ऑक्सीजन संयंत्र तक पहुंचाया।​ ​नौसेना की टीम ने आंध्र प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की इंजीनियरिंग टीमों के साथ लगभग 7 दिनों तक अथक परिश्रम किया और जिला कलेक्टरों और जिला प्रशासन के पूरे सहयोग से कार्य को पूरा किया।

नौसेना की टीमों ने आज सुबह कम्प्रेसर को ओवरहाल करके और नेवल डॉकयार्ड के भीतर निर्मित कुछ एडेप्टर और एक्सेसरीज़ को बदलकर ​​ऑक्सीजन संयंत्रों की सफलतापूर्वक मरम्मत करने में कामयाबी हासिल की​​। ​​नेल्लोर में कृष्णा तेजा ऑक्सीजन प्लांट के नाम से बड़ा क्रायोजेनिक प्लांट है जो एक दिन में 400 जंबो टाइप सिलेंडर चार्ज करने में सक्षम है। यह प्लांट पिछले 6 वर्षों से ​ख़राब पड़ा था।​ नौसेना की टीम ने संयंत्र की मरम्मत करके माइनस 186 डिग्री सेल्सियस का क्रायोजेनिक तापमान हासिल करने में कामयाबी हासिल की।​ साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफलिंग करने के लिए अपेक्षित आउटपुट पर ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू किया।​ इस प्लांट से 98% ऑक्सीजन​ ​का उत्पादन होता है जबकि 0.01%​​ कार्बन डाइऑक्साइड​ और कार्बन मोनोऑक्साइड शून्य फीसदी निकलती है​​।​ 

इसी तरह ​तिरुपति के पास श्री कालाहस्ती में ​​वीपीएसए तकनीक पर आधारित​ ​​​बड़ा ​​​​ऑक्सीजन प्लांट​ है ​जो 16​ हजार लीटर प्रति मिनट​​ ​​ऑक्सीजन​ ​उत्पन्न करने में सक्षम है।​ नौसेना दल ने ​इस ​संयंत्र की मरम्मत की और नमी अवशोषण को पूरा करके ​93​% से ऊपर मेडिकल-ग्रेड ​​ऑक्सीजन, शून्य​ ​% कार्बन​​ मोनोऑक्साइड और ​0.02% कार्बन डाइऑक्साइड के लिए अपेक्षित उत्पादन हासिल किया।​ दोनों संयंत्रों पर कमांडर दिपायन के नेतृत्व में नौसेना डॉकयार्ड विशाखापत्तनम की एक विशेषज्ञ टीम ​ने काम ​करके यह कामयाबी हासिल की है जिससे आंध्र प्रदेश में ​​​काफी हद तक ​ऑक्सीजन​ की कमी पूरी की जा सकेगी​।​