रांची। झारखंड में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण और उससे हर रोज हो रही मौतों के प्रति वामदलों ने चिंता जताई है। दलों ने कहा कि समय पर अस्पताल में बेड नहीं मिलने और वेंटिलेटर युक्त बेडों के अभाव, मरीजों तक आक्सीजन पहुंचाने में अव्यवस्थाएं और रेमडेसिविर जैसे दवाईयों के अभाव से मरीजों एवं उनके परिजनों में पैनिक बना हुआ है। राज्य सरकारों पर बोझ डालकर मोदी सरकार द्वारा इस महामारी से पिंड छुड़ाने की प्रवृत्ति ने झारखंड को और भी तबाह कर दिया है।
केंद्र सरकार झारखंड से लगातार भेदभाव कर संकट को और भी बढ़ा दी है। वैक्सीन के मसले पर तो केंद्र का रूख अपराधिक बना हुआ है। उचित मात्रा में मुहैया नहीं करने की वजह से वैक्सिनेशन केंद्र बंद हो जा रहे हैं, जबकि 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्सिनेशन के फैसले से और अधिक मात्रा में वैक्सीन आपूर्ति की जरूरत है। अधिक वैक्सिनेशन केंद्र बनाने की जरूरत है। कोरोना की महामारी राष्ट्रीय विपदा है, लेकिन मोदी सरकार राज्यों को कंपनियों से महंगा वैक्सीन खरीदने का निर्णय ली है। स्थिति यह है कि कंपनियों में वैक्सीन उत्पादन के अभाव से वे केंद्र को ही प्रयाप्त मात्रा में आपूर्ति करने में अक्षम है। राज्यों के लिए तो अभी उत्पाद भी नहीं है।
भाकपा के राज्य सचिव भुवनेश्वर मेहता, माकपा के राज्य सचिव गोपीकांत बक्सी, भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद और मासस के अध्यक्ष आनंद महतो ने कहा कि मोदी सरकार इस महामारी से निपटने में विफल रही है। अपनी विफलता का ठीकरा राज्यों पर फोड़कर देश में लाशों का ढेर लगा रही है। जब तगमा लेना था, तब मोदी विश्व फोरम पर पीठ थपथपाते नहीं अघा रहे थे। आज जब उनकी तैयारीविहीनता की वजह से संक्रमण विकराल हो रहा है, तब जरूरी सामानों की आपूर्ति करने की जिम्मेदारी से पिंड छुड़ा रहे हैं।
वामदलों की ये है मांग
झारखंड के मुख्यमंत्री इस बात की गारंटी करें कि हर जिले में सभी पार्टियों और सामाजिक-जनसंगठनों को मिलाकर टास्क फोर्स बनाया जाए, जो कोरोना से निपटने में जिला स्तर पर भूमिका ले सके। कोरोना महामारी से निपटने के लिए यह आवश्यक है।
सबके लिए वैक्सीन मुहैया करने के लिए केंद्र सरकार झारखंड को और अधिक मात्रा में वैक्सीन दे। अधिक मात्रा में वैक्सिनेशन केंद्र/टीम बनाकर वैक्सीन केंद्रों पर अफरातफरी को रोका जाए।
कोराना संक्रमण का हो रहे विस्तार को नियंत्रित करने के लिए प्रखंड/अनुमंडल व जिला स्तर पर कोविड के इलाज की समुचित व्यवस्था की जाए। सभी ग्रामीण कोविड अस्पतालों में भी आक्सीजन, वेंटिलेटर, आईसीयू बेड मुहैया की जाए। उसकी संख्या तत्काल बढ़ाई जाए।
सभी अस्पतालों में एंबुलेंस सेवाओं की संख्या बढ़ाई जाए।
अभी आरटीपीसीआर की रिपोर्ट काफी देर से आ रही है। 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने की व्यवस्था की जाए। टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि संक्रमितों का सही समय पर पहचान व इलाज हो सके। संक्रमण का फैलाव रोका जा सके। हर जिले में प्लाज्मा बैंक भी बनाया जाए।
जिलों में निजी अस्पतालों में भी कोविड के इलाज की व्यवस्था की जाए, जिसका खर्च सरकार वहन करे।
प्रवासी मजदूरों सहित सभी गरीबों को अगले तीन महीने तक 7500 रुपये और 6 माह की आवश्यक सामग्री समेत राशन उपलबध कराई जाए।
निर्माण मजदूरों का इलाज निर्माण कल्याण फंड से कराया जाए।
होम आइसोलेशन में इलाजरत की दवा और भोजन की व्यवस्था की जाए। आवश्यक दवाओं की महंगाई और जमाखोरी पर सरकार कठोरता से कार्रवाई करे।