बिहार में कम आय वाले पत्रकारों के लिए वरदान बना जर्नलिस्ट हेल्प ग्रुप

बिहार
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पटना। बिहार में कोरोनावायरस की दूसरी लहर के बाद महामारी के प्रति लोगों को जागरूक करने वाली कलम के सिपाही कई पत्रकार दिवंगत हो गए। यह सब देखते हुए कुछ अखबरों और चैनलों के पत्रकारों ने एक समूह बनाकर पत्रकारों की सेवा करने की कोशिश की। हालांकि, यह काम कठिन था लेकिन इस कठिन कार्य को करने का प्रयास किया। 

इन पत्रकारों ने जर्नलिस्ट  हेल्प ग्रुप का निर्माण किया और यह कारवां इतना बड़ा हो गया कि आज इस ग्रुप के साथ जुड़ने के लिए कई राजनीतिक और सामाजिक संगठन ने अपना हाथ आगे बढ़ाया है। गत 15 दिनों से लगातार राज्य के हर कोने में कम आय वाले पत्रकारों की मदद में यह समूह दिन-रात लगा हुआ है।

इस समूह के सबसे सक्रिय सदस्य राजेश कुमार ओझा ने हिन्दुस्थान समाचार से खास बातचीत में बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में काम आए वाले पत्रकार को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। इसे देखते हुए हम लोग ने आपस में विचार करके इस समूह का निर्माण किया। आज हमारे पास रहने खाने के साथ-साथ फ्री ट्रीटमेंट की व्यवस्था है।

उन्होंने बताया कि राजधानी पटना के एक प्राइवेट अस्पतालों से आज टाइअप हो गया है,जहां जरुरत पड़ने पर एक वेंटिलेटर युक्त बेड प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध होगा। इस बेड पर भर्ती पत्रकार या उनके परिजन से अस्पताल प्रबंधन सरकार की ओर से तय दर के हिसाब से ही पैसा लेंगे। पत्रकार साथियों के संयुक्त प्रयास और विशेष रूप से सीनियर पत्रकार लव कुमार मिश्रा के सहयोग से हम सभी को यह सफलता मिली है।

राजेश  ओझा ने बताया कि हमारा अगला प्रयास पत्रकार साथियों को जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस की है। जिसके लिए हम लोग निरंतर प्रयास कर रहे हैं।कुछ लोगों से बात भी चल रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व पत्रकार और वर्तमान में पेशे से शिक्षक समाज सेवी रमेश मिश्रा की मदद से इसका गठन किया गया था।इसके बाद ग्रुप राजधानी पटना के पत्रकारों को प्राथमिक उपचार के लिए नालंदा हॉस्पिटल एंड स्कैन रिसर्च सेंटर से बात कर वहां पर पत्रकारों को रियायती दर पर चेस्ट स्कैन करवाने की व्यवस्था कराया है। जो पत्रकार यह राशि भी देने में असमर्थ हैं उन्हें 1500 और जो वो भी देने में असमर्थ हैं उन्हें फ्री में कराया जा रहा है।

राजेश ने बताया कि इसके साथ ही किसी साथी के कोरोना से संक्रमित होने की आशांका पर उसके घर से ही आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि संक्रमित साथी को एमबीबीएस-एमडी डॉक्टर प्रभात रंजन से फ्री इलाज कराया जा रहा है।वैसे पत्रकार जिनके संक्रमित होने पर दवा लाने वाला भी कोई नहीं है तो उनके घर या अस्पताल में दवा भी पहुंचाने की व्यवस्था की गई हैै। पत्रकार जो संक्रमित होने के बाद घर में ही होम-आईशोलेशन में रहकर अपना इलाज करवाना चाहते हैं उनको फोन पर डॉक्टरों की सलाह और जरूरत पड़ने पर रमेश मिश्रा के सहयोग से ऑक्सीजन सिलेंडर दिया जा रहा है। राजेश ओझा ने कहा कि यह व्यवस्था बिहार के पत्रकारों के लिए ही किया गया है।