आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। यह हाल राज्य के वित्त मंंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के जिले का है। यहां बेटे की दिव्यांग पेंशन के लिए पिता सरकारी दफ्तर का चक्कर लगा रहा है। हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर कर्मचारी लौटा रहे हैं। पैसा नहीं मिलने से छात्र की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वर्तमान स्थिति में आर्थिक तंगी से भी जूझना पड़ रहा है। आखिरी बार सात महीने पहले पेंशन मिली थी।
यह मामला जिले के कुडू प्रखंड क्षेत्र के कमले, ओपा निवासी लाल अनीश नाथ शाह का है। वह नेत्रहीन है। पेंशन का पैसा नहीं मिलने से हो उसकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उसके समक्ष आर्थिक तंगी उत्पन्न हो गई है। अनीश नई दिल्ली के पंचकुइयां रोड स्थित इंस्टिट्यूशन फॉर द ब्लाइंड विद्यालय में 10वीं कक्षा का छात्र है।
छात्र अनीश ने बताया कि उसे दिव्यांग पेंशन मिलती है। अंतिम बार अगस्त/सितंबर, 2020 में पेंशन की राशि मिली थी। पैसे नहीं मिलने से काफी परेशान है। इसके अभाव में पढ़ाई प्रभावित होने के साथ-साथ रहने खाने में भी दिक्कत हो रही है। कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद है। इस वजह से घर पर ही है।
अनीश के पिता लाल राधेनाथ शाह ने बताया कि पूर्व में भी दो वर्ष का पेंशन का पैसा लंबित था। इस बार भी विभागीय कार्यालय का चक्कर लगा थक गए हैं। कभी कहा जाता है कि अलॉटमेंट नहीं आया है, कभी मार्च में अपडेट करने की बात कही जाती है। कभी अप्रैल में पैसा मिल जाएगा बोलकर लौटा दिया जाता है। कभी आधार तो कभी खाता नंबर मांगा जा रहा है।
उनके मुताबिक समाजिक सुरक्षा कोषांग के कर्मचारियों द्वारा बताया गया है कि अब तक आवंटन नहीं आया है। आने के बाद ट्रांसफर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोहरदगा के विधायक डॉ रामेश्वर उरांव राज्य के वित्त मंत्री हैं। इसके बाद भी दिव्यांगों को कोरोना काल में समय पर पेंशन नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है।