एचएएल ने नौसेना के ​​​हेलीकॉप्टर ‘ध्रुव’ को एयर एंबुलेंस में बदला

देश नई दिल्ली
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नई दिल्ली। ​​​तटीय सुरक्षा के लिए ‘मेड इन इंडिया’ के तहत तैयार किये गए ​​’ध्रुव’ एडवांस्ड लाइट मार्क-III हेलीकॉप्टर को ​एचएएल​ ने ​​चिकित्सा गहन देखभाल इकाई (एमआईसीयू) में बदल दिया है​। अब नौसेना​ प्रतिकूल मौसम की स्थिति में भी गंभीर रोगियों को हवाई मार्ग से चिकित्सा निकासी कर सकती है​​।​ इस सिस्टम को ​​हेलीकॉप्टर ​​की ​बिजली आपूर्ति ​से संचालित किया जा सकता है और इसमें चार घंटे का बैटरी बैकअप भी है।​​ ​​​​नौसेना को ​​एचएएल​ से ​इस तरह के 8 एमआईसीयू सेट​ मिलने हैं जिसमें में से ​यह ​पहला है।

मुंबई पर आतंकी हमला होने के 9 साल बाद मार्च, 2017 में हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (​​एचएएल) के साथ लगभग 5,126 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर करके मार्क-III के 16 ​​हेलीकॉप्टरों का ऑर्डर दिया गया था।​ ​इनमें से तीन-तीन ​हेलीकॉप्टर​ नौसेना और इंडियन कोस्ट गार्ड को मिल चुके हैं​।​​ ​​हरे रंग के इन हेलीकॉप्टरों में तटीय सुरक्षा की जरूरतों के लिहाज से 19 तरह के बदलाव किये गए हैं।​ तीनों ‘ध्रुव’ एडवांस्ड लाइट मार्क-III हेलीकॉप्टर पिछले माह 19 अप्रैल को नौसेना में शामिल करके आईएनएस हंसा पर तैनात किये गए हैं। भारतीय ​​नौसेना की ​यह ​एयर स्क्वाड्रन 323 समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा करने के प्रयासों में मील का पत्थर साबित हुई है।

​नौसेना की ​इस ​एयर स्क्वाड्रन​ की उपलब्धियों में एक और आयाम जुड़ गया है क्योंकि ​​​एचएएल ​ने आईएनएस हंसा में तैनात एएलएच एमके III पर एक ​​चिकित्सा गहन देखभाल इकाई (एमआईसीयू) स्थापित की है। भारतीय नौसेना अब प्रतिकूल मौसम की स्थिति में भी गंभीर रोगियों को हवाई मार्ग से चिकित्सा निकासी कर सकती है।​ इस एमआईसीयू में डिफाइब्रिलेटर्स, मल्टीपारा मॉनिटर्स, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ-साथ इन्फ्यूजन और सिरिंज पंप्स के दो सेट हैं। इसमें रोगी के मुंह या वायुमार्ग में स्राव को साफ करने के लिए एक सक्शन सिस्टम भी होता है।​ इस सिस्टम को हेलीकॉप्टर ​​की ​बिजली आपूर्ति प​​र संचालित किया जा सकता है और इसमें चार घंटे का बैटरी बैकअप भी है। हेलीकॉप्टर को एयर एं​​बुलेंस में बदलने के लिए ​उपकरण लगा​ने में ​दो​ से ​तीन घंटे ​का समय लगता है। ​​​​​नौसेना को ​​एचएएल​ से ​इस तरह के 8 एमआईसीयू सेट​ मिलने हैं जिसमें में से ​यह ​पहला है।