रांची। माकपा के राज्यव्यापी आह्वान पर 15 मई को पूरे झारखंड मे मांग दिवस मनाया गया। राज्य के 24 जिलों में से 19 जिलों के 677 आवासीय परिसर, 36 पार्टी दफ्तरों और 121 अन्य स्थानों पर सीमित उपस्थिति वाले कार्यक्रम में तीन हजार से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थकों द्वारा अपने कार्यालय, घरों के बरामदे, छत और दरवाजों के सामने मांगों का पोस्टर-बैनर लेकर कोविड गाईड लाइन का पालन करते हुए पूर्वाह्न 10 से 11 बजे तक विरोध प्रदर्शन किया गया।
सदस्यों ने कहा कि यूनियन बजट मे वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, लेकिन राज्यों को वैक्सीन खरीदने का बोझ उठाना पड़ रहा है। मोदी सरकार टीका निर्माताओं के मुनाफे का पूरा ध्यान रखते हुए सभी को मुफ्त टीका मिले, इससे पीछे हट रही है। यह केंद्र सरकार का आपराधिक कारनामा है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि कोविड महामारी से सुरक्षा का एकमात्र विकल्प सभी का टीकाकरण ही है। दूसरी ओर इस दौर में रोज खटने-कमाने वाले मेहनतकशों की हालत और खराब हो गयी है। रोजगार-धंधा बंद होने के चलते अधिकांश लोगों के सामने जीवनयापन का संकट गहरा होता जा रहा है, लेकिन मोदी सरकार की प्राथमिकता सेंट्रल विस्टा जैसे निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने पर है।
माकपा ने केंद्र सरकार से सभी को वैक्सीन दिए जाने की गारंटी करने, आयकर के दायरे से बाहर सभी भारतीय नागरिकों कोई अगले 6 माह तक 7500 रुपये की विशेष सहायता राशि उनके बैंक एकाउंट मे ट्रांसफर करने के लिए प्रधानमंत्री केयर फंड से पैसे उपलब्ध कराने, सभी जरूरतमंदों को प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज दिए जाने, झारखंड को कोविड से निपटने के लिए राज्य सरकार की जरूरतों के मुताबिक सहायता दिए जाने और सेंट्रल विस्टा के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की।