- राष्ट्रीय सेवा योजना और यूनीसेफ के संयुक्त तत्वावधान में वेबिनार का आयोजन
रांची। कोविड महामारी के दौरान हमें अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए हमारे दिनचर्या में हमारे खान-पान एवं आहार के संबंध में जानकारी जरूरी है। पौष्टिक भोजन मन को थकने नहीं देता है। जोश को खत्म नहीं होने देता है। मानव शरीर के लिए प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिंस की आवश्यकता होती है। इसके लिए आवश्यक है कि हमें पौष्टिक पदार्थों का सेवन करना है। कोरोना वायरस को हराने के लिए हमेशा सकारात्मक सोच के साथ अपनी जीवन शैली में संतुलित आहार अपनाने का आह्वान किया। उक्त बातें रांची विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ कामिनी कुमार ने कही।
डॉ कुमार राष्ट्रीय सेवा योजना, झारखड और यूनीसेफ के संयुक्त तत्वावधान में 18 मई को आयोजित वेबिनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं। इसका विषय ‘कोविड-19 महामारी के दौरान पोषण एवं खान-पान कैसा हो’ था। इसमें पूरे झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों के एनएसएस के 300 कार्यक्रम समन्वयक, कार्यक्रम पदाधिकारी एवं स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया।
विशिष्ट अतिथि झारखंड के पूर्व खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह ने कहा कि इस महामारी में अपने भोजन में हरी सब्जी, मौसमी फलों, दूध, पनीर एवं अन्य पौष्टिकता से युक्त सामग्रियों को शामिल करने से हम कोरोना वायरस को रोक सकते हैं। प्रत्येक एनएसएस स्वयंसेवक को वेबिनार से पौष्टिक पदार्थों के सेवन की जानकारी मिल रही है। उसे स्वयं आहर में शामिल करें। अपने मित्रों एवं परिजनों को भी जागरूक करें।
यूनीसेफ की पोषण विशेषज्ञ प्रीतू मिश्रा ने तिरंगे के तीनों रंगों की तरह भोजन की थाली में खाद्य पदार्थ को शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हरी सब्जी, फल, दाल, मिनरल्स, बादाम, मूंग, चना, सलाद, निम्बू जैसे पदार्थों का नियमित सेवन करना होगा। उन्होंने पौष्टिक भोजन से संबंधित वीडियो एवं पावर पॉइंट के माध्यम से अपना प्रस्तुति दी।
एनएसएस के युवा कार्यक्रम सलाहकार कमल कुमार कर (नई दिल्ली) ने पूरे देश में एनएसएस द्वारा इस महामारी में किये गए कार्यों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि 71,000 स्वयंसेवक प्रशासन से सीधे जुड़कर अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्री ने भी कोविड महामारी में एनएसएस के स्वयंसेवकों के कार्यों की सराहना की है।
एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशक दीपक कुमार (गुवाहाटी) ने कहा कि पौष्टिक भोजन के साथ योग-व्यायाम भी अतिआवश्यक है। हमें इस अभियान में सोशल मीडिया का सहारा लेना चाहिए। अच्छे-अच्छे संदेश देने वाले वीडियो एवं पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरूक करना होगा।
वेबिनार में एन एस एस के क्षेत्रीय निदेशक (बिहार एवं झारखंड) पीयूष परांजपे (पटना), डॉ मेरी मार्गरेट टुडु ( एसकेएमयू, दुमका), डॉ दारा सिंह गुप्ता (कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा) डॉ जोनी रूफिना तिर्की (बीवीयू, हजारीबाग), डॉ मसूफ अहमद (बीबीएमकेयू, धनबाद), डॉ बीके झा (बीएयू, कांके), डॉ सुभाष कुमार बैठा (सीयूजे, रांची) सहित कई विश्वविद्यालयों के कार्यक्रम समन्वयक, 24 जिलों के नोडल पदाधिकारी एवं प्रत्येक विश्वविद्यालय से 10-10 कार्यक्रम पदाधिकारी और 25-25 स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
स्वागत यूनीसेफ की राज्य पदाधिकारी आस्था अलंग ने किया। संचालन राज्य एनएसएस पदाधिकारी डॉ ब्रजेश कुमार ने किया। वेबिनार को सफल बनाने में डॉ प्रियंका सिंह, विकास कुमार सिंह, फलक फातिमा, हेमंत कुमार, राहुल कुमार साहू, दिवाकर आनंद आदि का योगदान रहा।