घर में भी नहीं सुरक्षित, बाहर कोरोना कर देगा मूर्छित, जानिए खौफ के साये में जीनेवाले झरिया के एक परिवार की क्या है परेशानी

झारखंड
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धनबाद। धनबाद स्थित झरिया का एक परिवार पल-पल दहशत में जी रहा है कि न जाने कब सबकी जिंदगी नेस्तनाबूर हो जाए। खौफ के साये में जीनेवाला यह परिवार झरिया स्थित लोदना के लिलोरी पत्थरा बालूगद्दा बस्ती निवासी त्रिलोकी प्रसाद का है। परा परिवार घर में भी सुरक्षित नहीं है और बाहर कोरोना का भय आक्रांत किए हुए है।

बताया जा रहा है कि अगर वह परिवार घर के अंदर रहता है तो जमींदोज होने का खतरा है। ऐसे में पूरे परिवार ने निर्णय लिया है कि घर में जमींदोज होने से बेहतर है, बाहर कोरोना से दो-दो हाथ करके जिंदगी के लिए संघर्ष करना। चूंकि बाहर तो भाग्य ने साथ दिया, अगर इम्युनिटी मजबूत रहा, तो बच भी जाएंगे, लेकिन घर के अंदर जमींदोज हुए तो जिंदगी बचने का सवाल ही नहीं है।

त्रिलोकी प्रसाद के पूरे परिवार पर मौत का खौफ इतना हावी हो चुका है कि पूरी रात लोग जाग कर काट रहे हैं। दरअसल उनकी बस्ती झरिया के अग्नि प्रभावित और भूधंसान इलाके का हिस्सा है। इस वजह से उनके घरों की दीवारों पर दरारें पड़ चुकी हैं, जो कभी भी जमींदोज होने का संकेत दे रहा है। इससे ये परिवार अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

पीड़ित परिवार के मुखिया त्रिलोकी प्रसाद कहते हैं कि उनका घर किसी भी वक्त ध्वस्त हो सकता है। आंगन में भी दरारें पड़ चुकी हैं, जिससे जमींदोज होने का खतरा हर समय बना रहता है। घर से कुछ ही दूर भू-धसान क्षेत्र है, जहां से आग के साथ साथ जहरीली गैस निकल रही है। यह क्षेत्र इतना भयवाह हो गया कि बीसीसीएल प्रबंधन ने इलाके में आवागमन बंद कर इस क्षेत्र को डेंजर जोन घोषित कर दिया।