रांची। भगवान महावीर जयंती पर झारखंड की राजधानी रांची के अपर बाजार स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर में 1008 चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान की मूल बेदी का अभिषेक किया गया। इसके बाद भगवान की मूर्ति को पांडुशिला पर विराजमान कर समाज के मंत्री कमल जैन और सह मंत्री हेमंत जैन द्वारा कलश एवं शांति धारा पंडित अरविंद शास्त्री के मंत्रोचार के साथ किया गया।
पूजा अभिषेक के पुण्य अर्जक श्रीमती चंद्रकला नीरज पाटनी परिवार रहा। रातू रोड स्थित वासुपूज्य जिनालय में अभिषेक शांतिधारा के पुण्य अर्जक कैलाश पांड्या का परिवार रहा।
प्रतिवर्ष भगवान को रथ पर बिठाकर जैन समाज नगर भ्रमण करता है। वर्तमान परिस्थिति के मद्देनजर मंदिर के चारों ओर परिक्रमा लगाकर इस परंपरा का निर्वाह किया गया। मंदिर में संपादित सभी कार्यक्रमों को श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों से फेसबुक पर लाइव देखा।
अभिषेक पूजन के बाद जैन संत 108 मुनि विशल्य सागर ने अपने प्रवचन में 24वें तीर्थंकर के जन्म कल्याणक अवसर पर बताया कि जब तीर्थंकर का जन्म होता है, तब तीनो लोको के जीवों को असीम सुख की अनुभूति होती है। सारे कष्ट कुछ समय के लिए दूर हो जाते हैं। भगवान महावीर का जीवन संसार के सभी जीवों के कल्याण के लिए दया और करुणा से आच्छादित था। भगवान महावीर की प्रेरणा से जैन समाज सत्य, अहिंसा, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह के सिद्धांतों को अपने जीवन का मूल मंत्र मानता है।
मुनि विशल्य सागर ने कहा कि आज करोना महामारी के समय भगवान महावीर का जियो और जीने दो का सिद्धांत प्रतिपादित होता दिख रहा है। जहां हम अपनी रक्षा के साथ-साथ दूसरों की रक्षा के लिए भी चिंतित हैं। हम भी बचे और दूसरा भी बचे, तभी सभी बच पाएंगे। महाराज श्री ने श्रद्धालुओं को विश्व शांति के लिए शांति मंत्र का जाप करने को कहा। साथ में सभी जीवों के सुख के लिए भावना योग का अभ्यास करने का निर्देश भी दिया।
दोपहर को अपने प्रवचन में मुनि महाराज ने श्रद्धालुओं को निशंकित होकर आत्म कल्याण हेतु पूरी श्रद्धा के साथ जिनेंद्र भगवान के दर्शन करने को कहा। उन्होंने बताया कि मूर्ति के दर्शन करते समय यह भावना रहनी चाहिए कि मूर्ति के अंदर जो मूर्तिमान हैं। उसके सारे गुण मुझमें आ जाए और मैं जल्द से जल्द मोक्ष को प्राप्त कर सकूं। ऐसी उच्च कोटि की आस्था और अभ्यास से आत्म कल्याण का मार्ग प्राप्त होगा।
दिगंबर जैन समाज के मंत्री कमल विनायक्या ने बताया कि समाज के सभी लोगों ने महावीर जयंती के अवसर पर सज धज कर अपने अपने घरों में पूजा अर्चना की। संध्या को अनेक दीपों के साथ आरती करके दीपमालाओं को घर आंगन में सजाया गया। अनेक परिवारों ने सामूहिक भजन पूजन के साथ साथ बच्चों द्वारा किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम का वीडियो भी प्रचारित प्रसारित किया।
आज के शुभ अवसर पर मुनि श्री ने दोपहर 3.30 बजे जूम और फेसबुक के माध्यम से श्रद्धालुओं को प्रवचन द्वारा अनुग्रहित करने की स्वीकृति भी दी जिससे पूरा समाज हर्षित है।