- सीसीएल ने कोरोना संक्रमितों को सुविधा मुहैया के लिए छह समझौता ज्ञापन में हस्ताक्षर किया
रांची। कोल इंडिया लिमिटेड कोरोना की दूसरी लहर का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। कोरोनो महामारी के इन कठिन समय में सीसीएल ने अपने कमांड क्षेत्र के जिलों के अनुरोध को स्वीकारते हुए छह समझौता ज्ञापन में हस्ताक्षर किया है। पहला रामगढ़ जिला प्रशासन के साथ कोविड कंटेनमेंट सेंटर निर्माण और दूसरा लातेहार जिला प्रशासन के साथ सदर अस्पताल में 6 बेड का आईसीयू और 6 बेड का रिकवरी सेट अप बनाने के लिए हस्ताक्षर किया।
इसी तरह चतरा सदर अस्पताल में आईसीयू उपकरण का निर्माण, पलामू में कोविड प्रबंधन के लिए चिकित्सा उपकरण, हजारीबाग में मेडिकल कॉलेज में कोविड के प्रबंधन के लिए आईसीयू उपकरण आदि निर्माण संबंधी हस्ताक्षर किये गये। गिरिडीह जिले में भी कोविड के प्रबंधन के लिए आईसीयू उपकरण संबंधी एमओयू किया गया है।
इससे पहले पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी ने केंद्र और राज्य सरकार को कोविड महामारी के विरूद्ध लड़ाई के लिए 26 करोड़ रुपये का योगदान दिया था। विगत वित्त वर्ष में झारखंड के 8 जिलों में सीसीएल ने स्थानीय प्रशासन को 1.25 करोड़ रुपये की सहयोग राशि दिया था।
महारत्न कोयला कंपनी कोल इंडिया ने लगभग 2000 आईसीयू बेड, आइसोलेशन बेड और ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ कोविड केयर बेड स्थापित किये है। ऑक्सीजन सपोर्ट बेड की संख्या 750 है, जबकि आईसीयू बेड की संख्या लगभग 70 है। इसके अतिरिक्त कोल इंडिया की सहायक कंपनियों ने कोविड राहत उपायों को तैयार करने के उद्देश्य से फंडिग एवं बेड उपल्बध कराने के लिए स्थानीय अस्पताल और राज्य सरकारों के साथ करार किया है।
उपयोग के लिए तैयार लगभग 2000 ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ आपातकालीन उपयोगिता उपकरण को बढ़ाया गया है। 70 वेंटिलेटर चालू स्थिति में हैं। तीन अनुषंगी कंपनियां जीवन रक्षक तत्व की कमी को पूरा करने के लिए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने पर विचार कर रही है।
कोल इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारा श्रमशक्ति सघनित उद्योग होने के नाते हम अपने श्रमबल के लिए चिंतित हैं। हमारे खनन क्षेत्रों में महामारी के प्रसार को रोकने के लिए हम कार्य कर रहे हैं। हमारी सभी अनुषंगी सुरक्षात्मक एवं राहत उपायों को बढ़ाने के लिए कई मोर्चों पर कार्य कर रहे हैं।
कोयला कंपनियों के पास पर्याप्त व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) है। अब तक वृहद मात्रा में मास्क और सेनिटाइजर वितरित किया गया है। यह CIL को कोविड से निपटने में सबसे बड़े लॉजिस्टिक मोबलाइज़र में से एक बनाता है।
कंपनी निर्बाध उत्पादन और ऑफ-टेक सुनिश्चित करने के लिए भी उपाय कर रही है। गर्मियों की शुरुआत के साथ बिजली की मांग बढ़ रही है। कंपनी को स्थिर आपूर्ति बनाए रखना है।
कोल इंडिया ने तय किया है कि अनुबंध कर्मचारियों का वेतन कम नहीं किया जाए। लॉकडाउन की स्थिति में भी उन्हें पूरी मजदूरी सुनिश्चित की जाती है। क्षेत्र के अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं भी प्रदान की जाती है। कोविड से मृत्यु के मामले में संविदाकर्मियों सहित कर्मचारियों के परिजनों को 15 लाख रुपये का भुगतान करने का भी ऐलान किया है।
कोल इंडिया की कोयला कंपनियों ने 1 अप्रैल से 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए युद्धस्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया है। अब तक औसत टीकाकरण लगभग 1700 व्यक्ति प्रति दिन है। चूंकि यह एक सतत प्रक्रिया है, इसलिए संख्या के बहुत अधिक बढ़ने की उम्मीद है। टीकाकरण में शामिल लोग कंपनी के अपने कर्मचारी, उनके आश्रित और संविदा कर्मचारी हैं।