नीलकमल खवास
15 अप्रैल, 2021 को बांग्ला नववर्ष 1428 की शुरुआत होगी। बंगाली समुदाय के व्यापारी इस दिन से हाल खाता (लेखा-जोखा) की शुरुआत करेंगे। इसे लेकर बंगाली समुदाय में जबरदस्त उत्साह व उमंग देखा जा रहा है। सभी बंगाली परिवार इसकी जोरदार तैयारी पहले से ही कर रहे हैं। एक महीना पहले से ही नए वस्त्रों की खरीदारी शुरू कर चुके हैं, क्योंकि इस दिन नए वस्त्र पहनने की परंपरा है। विभिन्न बंगाली संगठनों की ओर से अपने महानगर, शहर, अपनी सोसाइटी और मुहल्लों के अनेक स्थानों पर रात को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इस बार कोरोना का महामारी देखते हुए इसके फीका ही रहने का आशंका है।
नववर्ष के पहले दिन बंगाली समुदाय के लोग बड़े-बुजुर्गों का पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं। घरों में विभिन्न तरह के पकवान बनाते हैं। नए परिधानों में सुसज्जित महिला, युवती, युवक और बच्चे सुबह मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करते हैं। हर साल बंगाली नववर्ष अप्रैल के मध्य में मनाया जाता है। ‘शुभो नोबो बोरसो’ का मतलब होता है नव वर्ष का शुभकामनाएं। आमतौर पर 15 अप्रैल को बंगाली नववर्ष मनाया जाता है। कभी-कभी यह 14 अप्रैल को भी पड़ता है। पोएला का अर्थ पहला और बैशाख बंगाली कैलेंडर का पहला महीना है।
वैशाख माह का पहला दिन बंगाली समुदाय के लिए खास स्थान रखता है। इस दिन को बंगाली समुदाय पोइला बैशाख यानी नववर्ष के रूप में धूमधाम से मनाते हैं। इस वर्ष 15 अप्रैल, 2021 को नर्व मनाया जाएगा। कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए समुदाय के लोगों ने पोइला वैशाख का पर्व अपने-अपने घरों में ही मनाने का निश्चित किया है।
मान्यताओं के अनुसार बंगाल में वैशाख महीना शुभ माना जाता है। अपने-अपने घरों की साफ-सफाई कर पूजा-पाठ की जाती है। मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना होती है। इस वर्ष कोरोना महामारी को लेकर लोग घरों में ही पूजा-अर्चना करेंगे। व्यापारी समुदाय भी इस दिन नया लेखा-जोखा की शुरुआत करते हैं। बंगाली लोग एक-दूसरे को ‘शुभो नोबो बोरसो’ कह कर नए साल की बधाई देते हैं। सोशल मीडिया के इस जमाने में व्हाट्सएप से लेकर फेसबुक और अन्य सोशल प्लेटफार्म पर बधाई संदेश दिए जा रहे हैं। बांग्ला नववर्ष 1428 सभी के लिए मंगलमय हो।
(लेखक धनबाद ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के मीडिया प्रभारी हैं)