रायपुर। छत्तीसगढ़ कोरोना के खिलाफ जंग में रोज महिला दिवस मना रहा है। कोविड19 से जंग में महिलाओं ने न केवल पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर हर मोर्चे पर काम किया है बल्कि कई मोर्चों पर उनसे भी आगे रह कर काम किया है। चाहे महिला स्वास्थ्यकर्मी के रूप में, चिकित्सक हो या एएनएम या मितानीन हो, सफाईकर्मी हो, कोविड वैक्सीन के लिए तैनात वैक्सीनेटर हो, सभी तरह से अपना दायित्व बखूबी निभाया है।
700 से अधिक महिला वैक्सीनेटर पूरे प्रदेश में कोरोना वैक्सीन लगा रही हैं। बच्चों के नियमित टीकाकरण अभियान में 5000 से अधिक एएनएम जुटी हुई हैं। राज्य में जहां 2 लाख 54 हजार 565 पुरुषों का टीकाकरण हुआ है, वहीं 2 लाख 59 हजार 489 महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है। भारत सरकार के आंकड़ों पर नजर डालें तो 85 लाख 45 हजार 683 पुरुष व 69 लाख 93 हजार 594 महिलाओं का टीकाकरण किया गया है।
भारत सरकार द्वारा किये गए 1.55 करोड़ कोविड टीकाकरण के आंकड़ों पर नजर डालें तो 54 प्रतिशत पुरुषों का वहीं मात्र 45 प्रतिशत महिलाओं का टीकाकरण किया गया है। जबकी छत्तीसगढ़ में हुए 5.14 लाख कोविड टीकाकरण में 50.47 प्रतिशत महिलाओं का कोविड टीकाकरण किया जा चुका है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर के सर्जरी विभाग में महिलाओं को निःशुल्क ब्रेस्ट स्क्रीनिंग की सुविधा भी दी गई है। वहीं रेडियोलॉजी विभाग में ब्रेस्ट मैमोग्राफी या मैमो सोनोग्राफी की सुविधा भी महिलाओं को निः शुल्क प्रदान की जाएगी। 35 से 65 उम्र तक की महिलाएं इस स्क्रीनिंग सुविधा का लाभ ले सकती हैं।
इसके अलावा राज्य में 16 जनवरी 2021से शुरू हुए कोरोना टीकाकरण अभियान में प्रथम चरण में जहां हेल्थ केयर वर्कर एवं फ्रंट लाइन वर्कर का टीकाकरण किया गया वहीं द्वितीय चरण में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों का एवं 45 से 59 वर्ष के उन लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है जो किसी अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं। राज्य में हो रहे कोविड टीकाकरण के (प्रथम एवं द्वितीय दोनों डोज) के आंकड़ों पर नजर डालें तो छत्तीसगढ़ में कोविड के खिलाफ जंग में महिलाओं की सहभागिता पुरुषों से कहीं ज्यादा है।