कर्जविहीन किसान ही खुशहाली की पहचान : डॉ रामेश्वर उरांव

कृषि झारखंड
Spread the love

  • पूर्वी क्षेत्र प्रादेशिक एवं एग्रोटेक- 2021 किसान मेला का समापन

रांची। वित्त सह योजना मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि गरीब, किसान, मजदूर एवं भूमिहीन लोगों का हित ही सरकार की प्राथमिकता है। किसान जन्म से लेकर मरण तक कर्ज में जीता है। कर्जविहीन किसान ही प्रदेश की खुशहाली की पहचान हैं। कोरोना के कारण किसानों की कर्ज माफी में देरी हुई। राज्य की वित्त व्यवस्था में सुधार होते ही अगले वर्ष किसानों की एक लाख तक का कृषि सरकार माफ करेगी। उन्होंने कृषि उत्पादन को बाजार से जोड़ने, किसानों को कम कृषि लागत से उचित मूल्य व अधिक मुनाफा से किसानों की आय बढ़ाने और किसानों के कल्याण में हर संभव मदद की बात कही। वे 7 मार्च को पूर्वी क्षेत्र प्रादेशिक एवं एग्रोटेक-2021 किसान मेला के समापन पर बतौर मुख्‍य अतिथि‍ बोल रहे थे। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय एवं विस्तार निदेशालय, कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में इसका आयोजन किया गया था।

रिसर्च का लाभ आदिवासी किसानों तक पहुंचे

डॉ उरांव ने कहा कि देश में किसानों के हित में अनेकों रिसर्च हो रहे है। रिसर्च से मिली तकनीकों का आदिवासी किसानों को गांवों तक लाभ दिलाने की कोशिश होनी चाहिए। कृषि तकनीकी विकास की दिशा में विश्वविद्यालय का प्रयास सराहनीय रहा है। जिले के कृषि विज्ञान केंद्रों एवं विश्वविद्यालय में मानव बल की कमी से कार्य प्रभावित हो रहा है। विवि में मानव बल की कमी को जल्द दूर की जायेगी।

उन्नत कृषि तकनीकी से किसान खुशहाल होंगे

विशिष्ट अतिथि खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने कोरोनाकाल में जान जोखिम में रखकर किसानों के खेती-खलहानी तथा देश की अर्थव्यवस्था बनाये रखने में योगदान की सराहना की। कहा कि उन्नत कृषि तकनीकी से ही किसान खुशहाल होंगे। खाद्यान्न संकट दूर की जा सकती है। किसान खेतों में उन्नत तकनीकी को अपना रहे है। किसानों के हित में सरकार की महत्‍वाकांक्षी कृषि योजनाओं के कार्यान्वयन में बीएयू की बड़ी भूमिका का होना जरूरी है. चाहिये।

कोल्ड स्टोरेज को स्थापित किये जाने की जरूरत

मौके पर प्रगतिशील किसान शिव उरांव ने कृषि कर्ज माफी पर वित्त मंत्री डॉ उरांव का आभार जताया। उन्‍होंने कहा कि कृषि विवि के गांवों में कार्यक्रमों से अच्छे परिणाम दि‍खने लगे हैं। किसान स्वालंबन और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहे है। किसानों के हित में प्रदेश के सभी प्रखंडों में कृषि उत्पाद के लिए कोल्ड स्टोरेज को स्थापित किये जाने की आवश्यकता है।

शोध एवं प्रसार कार्यो को बढ़ावा देने का प्रयास

अध्यक्षीय भाषण में कुलपति डॉ ओएन सिंह ने बताया कि मेले में छोटे, सीमांत व भूमिहीन किसानों को कृषि विविधि‍करण से संपन्नता आधारित तकनीकी को प्रदर्शित किया गया। किसानों के बेहतरी के लिए लाभकारी कृषि तकनीकी विकास की दिशा में कृषि वैज्ञानिक शोध एवं प्रसार कार्यो को बढ़ावा देने में अथक प्रयास कर रहे है।

कृषि कर्ज माफी पर आभार जताते हुए अभिनंदन किया

समारोह में दस सदस्यीय किसानों के दल ने कृषि कर्ज माफी पर आभार जताते हुए वित्त मंत्री डॉ उरांव को पुष्प गुच्छ एवं माला पहनाकर आभार जताया। इस अवसर पर वित्त मंत्री व विधायक द्वारा कृषि कार्यो में उत्कृष्ट योगदान के लिए किसानों में शंकर सोरेन, शंकर महली, जगदीश महतो, कृष्ण कुमार राय, नरेश महतो, धनेश्वर महतो, मुन्नी देवी, सुधाकर मंदेवाल एवं अनिसूर रहमान और मास के विजय भरत को सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन शशि सिंह और धन्यवाद ज्ञापन डॉ जगरनाथ उरांव ने दी।

मेला में देर शाम आयोजित पारितोषिक वितरण समारोह में कुलपति डॉ ओएन सिंह ने पशु –पक्षी प्रदर्शनी में उत्कृष्टता के लिए 108 प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। उद्यान प्रदर्शनी में उत्कृष्टता के लिए 190 प्रतिभागियों को प्रथम और द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया।

महिलाओं का बिरसा बेबीकॉर्न में रूझान

मेले में कृषक महिलाओं में बीएयू द्वारा विकसित मक्का की किस्म बिरसा बेबीकॉर्न -1 और कंपोजिट किस्म बिरसा मक्का 3 के प्रति काफी रूचि देखी गई। इन किस्मों का विकास महिला वैज्ञानिक पौध प्रजनक डॉ मनिगोपा चक्रवर्ती ने की है। बेबीकॉर्न की 48 से 65 दिनों वाली इस किस्म तीन तोडाई में प्रति एकड़ एक से सवा लाख की आमदनी ली जा सकती है। 90 से 95 दिनों की बिरसा मक्का 3 से प्रति एकड़ साढ़े क्विंटल उपज और किसान खुद बीज रख सकते है। डॉ चक्रवर्ती ने कहा कि इन दोनों किस्मों से दोगुनी आमदनी को देखते हुए राज्य के कृषक महिलाओं में बेबीकॉर्न की व्यावसायिक खेती लाभप्रद साबित होगी।