प्रशांत अंबष्ठ
बोकारो। किसान आंदोलन के 100 दिन पूरा होने पर अखिल भारतीय किसान सभा ने रविवार को प्रतिवाद दिवस का आयोजन किया। गोमिया से 5 किलोमीटर दूर सियारी में हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के गोमिया के अंचल सचिव सोमर मांझी ने की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पार्टी के राज्य सचिवमंडल सदस्य एवं झारखंड आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद ने कहा कि तीनों कृषि कानून से किसान और खेती के साथ-साथ खाद्यान्न खरीदने वाले उपभोक्ताओं को भी नुकसान है। इन कानूनों से खाद्यान्नों की जमाखोरी को कानूनी दर्जा मिल गया है। भाजपा की सरकार दुनिया की एकलौती सरकार है, जिसने चावल, गेहूं, तेलहन, दलहन, आलू, प्याज जैसी चीजों को आवश्यक वस्तु की सूची से हटा दिया है। इन कानूनों में किसानों को अदालत जाने से रोका गया है।
श्री महमूद ने कहा कि अंग्रेज सरकार ने 1905-06 में उपर्युक्त ढंग की खेती और किसान विरोधी कानून बनाया था। इसे आंदोलन के कारण वापस लेना पड़ा था। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की सफलता से देश में लोकतंत्र फिर से जीवित हो जाएगा। सभा को किसान सभा के प्रखंड संयोजक देवानंद प्रजापति, मौजीलाल महतो, गेंदों केवट, बद्री मुंडा, खुर्शीद आलम ने भी संबोधित किया ।