ढाका/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद शनिवार को दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए अनेक करारों पर हस्ताक्षर किए। साथ ही कई परियोजनाओं की शुरुआत की। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की ओर से बांग्लादेश को कोरोना वैक्सीन की 12 लाख डोज और 109 जीवनरक्षक एंबुलेंस प्रदान किया। उन्होंने भारत के इन उपहारों के प्रतीक चिन्ह शेख हसीना को सौंपे। इस अवसर पर भारत में न्यू जलपाईगुडी से राजधानी ढाका के बीच मिताली यात्री ट्रेन सेवा की शुरुआत भी की गई।
भारत-बांग्लादेश सीमा पर तीन नए बाजार हाटों का शुभारंभ भी हुआ। दोनों देशों ने प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर आधारभूत ढांचे को टिकाऊ बनाए रखने और नुकसान से बचाव के उपाय संबंधी एक करार पर हस्ताक्षर किए। दोनों देशों की नेशनल कैडेट कोर संस्थाओं के बीच सहयोग के करार पर भी हस्ताक्षर किए गए। एक अन्य करार द्विपक्षीय व्यापार की समस्याओं के समाधान से संबंधित था। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए भी दोनों देशों ने एक करार किया। बांग्लादेश स्थित राजशाही कॉलेज में खेल सुविधाओं का विस्तार करने पर भी दोनों देशों के बीच सहमति बनी है।
दोनों देशों के डाक विभागों द्वारा भारत-बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर डाक टिकट भी जारी किए गए। भारत बांग्लादेश में रूपपुर परमाणु ऊर्जा केंद्र में आधारभूत ढांचा संबंधी सहायता प्रदान करेगा। दोनों देशों में बांग्लादेश के मुजीब नगर से कोलकाता तक जाने वाली स्वाधीनता सड़क के प्रस्ताव पर भी सहमति जताई गई। इस परियोजना का वीडियो कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित किया गया।
अपनी दो दिवसीय ढाका यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री ने अपने व्यस्त कार्यक्रम के दौरान शक्तिधाम योशोरेश्वरी काली मंदिर और मतुआ संप्रदाय के तीर्थस्थल ओराकांडी स्थित श्रीहरिचंद ठाकुर जी के मंदिर में दर्शन-पूजन किया। मतुआ संप्रदाय के अनुयायी दलित वर्ग से आते हैं, जिनकी पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या है। दोनों मंदिरों में प्रधानमंत्री का परंपरागत तरीके से स्वागत अभिनंदन किया गया।