कोलकाता। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में दो चरणों के लिए 60 सीटों में से 57 पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इन चरणों में नंदीग्राम में भी चुनाव होने हैं, जहां से तृणमूल कांग्रेस की ओर से खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खड़ी हैं। वहां से उम्मीद के मुताबिक उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने शुभेंदु अधिकारी को उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी है।
शुभेंदु अधिकारी ममता कैबिनेट में परिवहन और सिंचाई विभाग के मंत्री रहे हैं और जनाधार के मामले में ममता बनर्जी से अधिक लोकप्रिय माने जाते हैं। खास बात यह है कि 2007 के नंदीग्राम आंदोलन से ही अधिकारी वहां के लोगों के बीच खासा लोकप्रिय हैं और 2011 तथा 2016 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर भारी बहुमत से जीत दर्ज कर चुके हैं। इस बार उनके भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद मुकाबला ममता से माना जा रहा था, क्योंकि ममता ने खुद ही नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। अधिकारी ने चुनौती देते हुए कहा था कि वह ममता बनर्जी को 50 हजार वोट से नहीं हरा सके तो राजनीति छोड़ देंगे।
बहुत खास है नंदीग्राम सीट
इस बार पश्चिम बंगाल चुनाव में सबसे खास नंदीग्राम सीट बन गई है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी चुनाव में ममता को हराने और अपनी सरकार बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इधर, ममता ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा कर लड़ाई को तृणमूल बनाम भाजपा के बजाय ममता बनाम शुभेंदु करने की कोशिश की है। इससे भारतीय जनता पार्टी के पूरे प्रदर्शन के बजाय शुभेंदु अधिकारी के प्रदर्शन पर ही फोकस बना रहेगा। खास बात यह है कि शुभेंदु इस पूरे क्षेत्र में लोकप्रिय तो हैं लेकिन यह अल्पसंख्यक बहुल इलाका है जहां मुस्लिम मतदाता ही उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करते हैं। क्षेत्र में शुभेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी अभी भी टीएमसी के ही टिकट पर सांसद हैं, जो ममता के खिलाफ लगातार हमलावर हैं। वह केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं और पूरे क्षेत्र में अधिकारी परिवार का अच्छा खासा दबदबा है, इसलिए अबकी नंदीग्राम सीट पर मुकाबला सबसे दिलचस्प होगा।