अनिल बेदाग
मुंबई। इरोस इंटरनेशनल की फिल्म ‘हाथी मेरे साथी’ की शूटिंग करना टीम के लिए जितना एक शानदार अनुभव था, उतना ही यह चुनौतीपूर्ण भी था। निर्देशक प्रभु सोलोमन ने बड़े पर्दे पर इस कहानी को देखने वाले दर्शकों को प्रामाणिक अनुभव देने के लिए गहरे घने जंगलों में स्थित कुछ वास्तविक स्थानों को शूटिंग के लिए चुना था।
हाथी मेरे साथी की स्टार कास्ट राणा दग्गुबाती, पुलकित सम्राट, श्रेया पिलगांवकर और जोया हुसैन ने साबित कर दिखाया कि वह एडवेंचरस टीम प्लेयर्स हैं, जिन्होंने बड़ी ही शान से हर चुनौती का सामना किया है। प्रभु सोलोमन निर्देशन में बनी इस फिल्म के सेट पर मौजूद एक स्रोत ने बताया,’कोच्चि हवाई अड्डे से जंगल के करीब शहर तक पहुंचने में छह घंटे का लंबा समय लगता था, जहां हमें शूटिंग करनी थी। उस शहर से लोकेशन तक एक घंटे की लंबी चढ़ाई-सड़क यात्रा थी। वह भी केवल फॉरेस्ट जीपों में की जा सकती थी, ना कि कास्ट की लग्जरी कारों में। जंगल होने के कारण क्रू को केवल शाम 5 बजे तक शूटिंग करने की अनुमति थी। इसलिए कलाकारों को अधिकतम दिनों तक सुबह 5 बजे का कॉल टाइम दिया जाता था।‘
राणा कहते हैं कि हमने केरल के कुछ सबसे कठिन स्थान 2-3 घने जंगलों में शूटिंग की है। शांतनपारा के पास का जंगल, जहां हमने पहले शूटिंग की थी, वह बाढ़ से नष्ट हो गया था। इसलिए हमें अपने शूट लोकेशन को दूसरे जंगल में रिलोकेट करना पड़ा। इन लोकेशन पर पहुंचना, अपने आप मे चैलेंज था।‘
टीम ने प्राकृतिक आपदाओं के कारण अपने उत्साह को कम किये बिना दूसरे जंगल में अपनी ऊर्जा को बरकरार रखा। उन्होंने वास्तव में इस अनुभव का भरपूर आनंद लिया है। राणा ने शूटिंग के दिनों को याद करते हुए कहा कि चुनौतीपूर्ण स्थानों के अलावा, तीन अलग-अलग भाषाओं में 30 से अधिक हाथियों के साथ शूटिंग करना एक रोमांचक अनुभव था।