पटना। बिहार की बेटी ज्योति ने लॉकडाउन के दौरान बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर 1200 किलोमीटर की दूरी तय की। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा जिले के सिरहुल्ली गांव तक साइकिल से पहुंचने की कल्पना भी नामुमकिन थी, लेकिन 8वीं की छात्रा ज्योति ने यह कर दिखाया। उसने इस असाधारण लक्ष्य को आठ दिन में पूरा किया था। उसने साबित कर दिया कि ठान लिया जाए तो असंभव कुछ नहीं है।
गुरुग्राम में बैटरी गाड़ी चलाने वाले ज्योति के पिता मोहन पासवान 26 जनवरी को दुर्घटना का शिकार हो गए थे। ज्योति और उसके चार भाई-बहन मां फूलो देवी के साथ गुरुग्राम गए थे। मां आंगनबाड़ी में काम करती हैं। वह 10 दिन की छुट्टी लेकर गई थी। छुट्टी खत्म होने के बाद वह ज्योति को पिता की देखभाल के लिए गुरुग्राम में ही छोड़कर बाकी बच्चों के साथ घर चली गई।
इसके कुछ दिन बाद लॉकडाउन लग गया। ज्योति ने बताया कि 60 हजार का कर्ज लेकर पिता का ऑपरेशन कराया गया था, लेकिन वे ठीक नहीं हो पाए थे। लॉकडाउन के चलते इलाज भी बंद हो गया। कुछ दिन मांग कर काम चलाया। उसके बाद भुखमरी की नौबत आ गई। मकान मालिक भी धमकी देता। घर जाने के लिए कोई साधन नहीं। ट्रेनें भी बंद थीं। उसे लगा…अगर वह वहां रुकेगी तो भूख से संघर्ष करते-करते ही मर जायेगी।
पांच सौ रुपये देकर 1200 किलोमीटर की दूरी की तय
ज्योति ने हमारे दरभंगा संवाददता से बातचीत में कहा कि कोरोना काल में पापा को 1,000 रुपये मिले थे। उसने 1200 रुपये में एक पुरानी साइकिल के लिए पड़ोस के अंकल से बात कर ली। उन्हें 500 रुपये एडवांस दिया और पांच सौ रुपये जो बचे थे वो रास्ते में खाने-पीने के लिए रखकर साइकिल पर पिता को बैठाकर निकल पड़ी।
ज्योति ने कहा कि 07 मई, 2020 को साइकिल से 1200 किलोमीटर की यात्रा पर निकल पड़ी। कभी साइकिल से, कभी पैदल तो कभी ट्रकों से लिफ्ट के सहारे वह 15 मई की शाम दरभंगा जिले के सिंहवाड़ा प्रखंड अन्तर्गत सिरहुल्ली पहुंची। उसने बताया कि जब शाम ढलती तो वह रास्ते में किसी पेट्रोल पंप पर रुक जाती। उसे इस दौरान बिल्कुल भी डर नहीं लगा, क्योंकि पूरे रास्ते में लोगों की भीड़ रहती थी।
बिहार की हर लड़की के लिए बनी प्रेरणा ज्योति
देश-दुनिया में साइकिल गर्ल के नाम से मशहूर हो चुकी ज्योति आज पूरे प्रदेश के लिए की लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गई है। ज्योति की मां ने बताया कि ज्योति की वजह से आज हम लोगों को बहुत सम्मान मिल रहा है। आज हमें ज्योति के नाम से जाना जाता है। हर कोई कहता है कि वो देखो साइकिल गर्ल ज्योति के माता-पिता जा रहे हैं। इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है, किसी मां-बाप के लिए। हम लोगों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि मंत्री और प्रधानमंत्री से हम लोगों की बात होगी, लेकिन यह सब ज्योति के कारण संभव हो सका।