- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से व्यवस्था में होगा अपग्रे
- डमहिला व बाल कल्याण मंत्रालय गृह मंत्रालय से कर रहा है बात
नई दिल्ली। जल्दी ही देश में महिला व बाल संरक्षण के लिए उपयोग में लाई जाने वाली सभी हेल्पलाइन का एकीकरण कर दिया जाएगा। केन्द्रीय महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से केंद्र के साथ राज्यों की सभी हेल्पलाइन हाईटेक की जायेंगी। इससे शिकायतों पर कार्रवाई में तेजी आएगी। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय़ में बच्चों व महिलाओं के लिए अलग-अलग हेल्पलाइन है। इससे शिकायतों के निपटारे में देरी होती है। हाईटेक हेल्पलाइन से महिलाओं व बच्चों की शिकायतें सीधे संबंधित अधिकारिय़ों के पास जाएंगी। मौजूदा समय में 112 और 181 के साथ कई राज्यों की अपनी हेल्पलाइन हैं। इसके साथ 1098 बच्चों की मदद के लिए चलाई जा रही है जहां पर एनजीओं की सहायता से शिकायतों का निवारण किया जा रहा है।
सोमवार को देशभर के 112 आकांक्षी जिलों व 100 सबसे अधिक अपराध ग्रस्त जिलों के पुलिस अधिकारियों व जिला अधिकारियों के साथ महिला व बाल कल्याण मंत्रालय ने समन्वय बैठक की। इस बैठक में महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने व उनकी शिकायतों के शीघ्र निपटारे के संबंध में सुझाव मांगे गए। इसके साथ पोषण 2.2, मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य की समीक्षा भी की गई। एक दिवसीय बैठक में निम्हांस, नीति आयोग, नाल्सा शामिल थीं। महिला व बाल विकास मंत्रालय ‘वन स्टॉप सेंटर’ को भी हाईटेक बनाने की दिशा में काम कर रही है।
देश के सभी पुलिस स्टेशन में उपलब्ध होंगे फोरेंसिक किट्स
महिला व बाल विकास मंत्रालय के सचिव राम मोहन मिश्रा ने बताया कि महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले में सबूत को मिटाया न जा सके और समय पर फोरेंसिक जांच हो सके। इसके लिए सभी पुलिस स्टेशनों में फॉरेंसिक किट्स उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए मंत्रालय गृह मंत्रालय से बात की जा रही है। मौजूदा समय में 14000 किट्स दिए गए हैं। देश में 10,000 से ज्यादा पुलिस स्टेशन में किट्स नहीं हैं। इसके लिए संबंधित मंत्रालय को कहा जा रहा है कि वे किट्स मुहैया करवाएं। उन्होंने बताया कि महिलाओं की मदद के लिए बने वन स्टॉप सेंटर में 3 लाख आठ हजार महिलाओं की मदद की गई है। इस सेंटर को अस्पताल, होस्टल, पुलिस स्टेशन से जोड़ा जा रहा है। महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराध में सबसे आगे 100 जिलों में मुंबई, बेंगलुरु, साइबराबाद, लखनऊ, इंदौर, हैदराबाद शामिल हैं। मुंबई में सबसे अधिक 10159 शिकायतें दर्ज हुई हैं।