नई दिल्ली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बुधवार को ट्वीट कर मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एमेंडमेंट बिल 2020 को महिलाओं के हित में बताया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का यह ऐतिहासिक कदम है। यह महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और उनके हितों के लिए है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस विधेयक को तैयार करने से पहले दुनिया भर के कानूनों का भी अध्ययन किया गया है। दरअसल, गर्भपात से जुड़े मौजूदा कानून की वजह से दुष्कर्म पीड़ित या किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त गर्भवती महिला को काफी दिक्कतें होती थीं। डॉक्टरों के हिसाब से अगर शिशु को जन्म देने से महिला की जान को खतरा भी हो, तब भी उसका गर्भपात नहीं हो सकता था। गर्भपात तभी हो सकता था, जब गर्भावस्था 20 हफ्ते से कम हो। लेकिन नए बनाए जाने वाले कानून में 24 हफ्तों तक महिलाएं गर्भपात करवा सकती हैं। गर्भपात करवाने वाली महिलाओं की निजता का भी प्रावधान किया गया है।