रतन लाल कटारिया
मैं हरियाणा के एक छोटे से गांव में पला-बढ़ा। एक गरीब दलित परिवार से ताल्लुक, गरीबी और बहिष्कार का ही केवल जीवन में सामना किया था। मेरे माता-पिता की दिनचर्या अपने परिवार के लिए 2 वक्त के भोजन की व्यवस्था करना था। मेरे पिता जूता बनाने का काम करते थे, जबकि मेरी मां एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में मेहनत करती थी। मुझे उसकी कठिन परीक्षा याद है। जब वे हर दिन बिना थके केवल पीने का पानी लेने के लिए निर्दिष्ट कुएं तक जाती थी। अपने बच्चों के लिए पीने का पानी सुरक्षित करने के उसके संकल्प ने उसे इस प्रक्रिया में सामने आने वाली सभी शारीरिक और सामाजिक कठिनाइयों का दृढ़ता से सामना करने का साहस दिया।
बाद में जीवन में मैं सौभाग्यशाली था कि हमारे गांव में पाइपलाइन कनेक्शन देखे गए, लेकिन इस बार जाति-वर्ग के आधार पर प्रतिष्ठित लाभार्थियों का चयन किया गया। गरीब और अधिकारहीन लोगों को एक बार फिर पीने के साफ पानी के अपने मूल अधिकार से वंचित कर दिया गया। कई वर्ष बीत गए और वर्ष 2019 तक हम एक राष्ट्र के रूप में कुल 18.93 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पाइपलाइन के जरिये पानी की आपूर्ति प्रदान कर सके।
स्वतंत्रता के 72 वर्षों के बाद 2019 में लाल किले की प्राचीर से हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकारों के फ्लैगशिप कार्यक्रम “जल जीवन मिशन” के तहत हर ग्रामीण परिवार को पाइपलाइन के रास्ते पानी का कनेक्शन देने के अपने संकल्प की घोषणा की। उस ऐतिहासिक क्षण के दौरान मैं लाल किले में उपस्थित था, मेरा अतीत मेरी आंखों के सामने छा गया। मुझे याद आया कि किस प्रकार से मेरी बहन का कन्यादान करने के लिए मेरे गांव की यात्रा के दौरान स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने पाइपलाइन के जरिये पानी के कनेक्शन को प्रत्येक परिवार के लिए सम्मानित जीवन के वाहक के रूप में वर्णन किया था। उस क्षण मैं अपने आप को नवगठित जल शक्ति मंत्रालय में सेवा करने के लिए भाग्यशाली मानता था और “जल जीवन मिशन” को भगवान द्वारा भेजे गए अवसर के रूप में देखता था। प्रत्येक दिन हमारे प्रधानमंत्री के गतिशील नेतृत्व में पूरी टीम इस अभूतपूर्व कार्य को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रही है।
मैं गर्व से घोषणा कर सकता हूं कि 1 वर्ष की अल्प अवधि में 3.04 करोड़ परिवारों को पाइपलाइन के जरिये पानी के कनेक्शन प्रदान किए हैं जबकि आजादी के बाद से 3.23 करोड़ परिवारों को पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराए गए। गोवा ऐसे पहले राज्य के रूप में उभरा जिसने जल जीवन मिशन के अंतर्गत 100 प्रतिशत कवरेज हासिल की। आज तक, 52 जिलों, 660 ब्लॉकों, 39,317 ग्राम पंचायतों और 73890 गांवों ने “हर घर जल” के लक्ष्य को हासिल कर लिया है।
ग्रामीण परिवारों के लिए जल जीवन मिशन के आशाजनक परिणामों से उत्साहित होकर, भारत सरकार ने बजट 2021 में, जल जीवन मिशन (शहरी) शुरू करने की ऐतिहासिक घोषणा की, जिससे 4,378 शहरी स्थानीय निकायों में फैले 2.68 करोड़ शहरी परिवारों को पाइपलाइन के रास्ते पीने योग्य पानी की आपूर्ति की जाएगी जिस पर 5 साल की अवधि में 2.87 लाख करोड़ रुपये का कुल खर्च आएगा। इस मिशन के दूरगामी लाभ शायद अनुमान से परे हैं।
हालांकि, कुछ और महत्वपूर्ण है जो इस मिशन के निहितार्थ के रूप में हो रहा है।
सभी को पानी का कनेक्शन प्रदान किया जा रहा है चाहे उसकी जाति, समुदाय, धर्म, वंश आदि कोई भी हो। इसके लिए यही दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है- ‘कोई भी पीछे नहीं छूटे’। बहुसंख्यक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की आबादी वाले गांवों को प्राथमिकता दी जा रही है, जहां प्रति व्यक्ति 55 एलपीसीडी पानी देने का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह के धर्मनिरपेक्षतापूर्ण और समावेशी दृष्टिकोण का लाभ मुख्य रूप से पिछड़ी जातियों के लोगों को मिल रहा है और यह सामाजिक क्रांति साबित हो रही है।
मिशन एक बेजोड़ पैमाने पर जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे के प्रावधान को अनिवार्य करता है। इसके लिए कुशल जनशक्ति जैसे नलसाज (प्लम्बर), राजमिस्त्री, इलेक्ट्रीशियन, फिटर, पंप ऑपरेटर आदि की आवश्यकता होती है, जिसे संबंधित गांवों के लोगों को कौशल प्रदान करके पूरा किया जा सकता है, ताकि कुशल रोजगार के लिए यथावत योजना बनाई जा सके।
संपूर्ण मिशन विशिष्ट तरीके से शुरू होकर सामान्य की ओर जाता है। इसके लिए ग्रामीण जलापूर्ति समितियों /पानी समितियों के गठन की आवश्यकता है जो अपने लिए एक ग्राम कार्य योजना तैयार कर सके। दिलचस्प बात यह है कि इन समितियों में 50% महिला सदस्यों का होना अनिवार्य है, क्योंकि महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित समूह हैं और इसलिए मिशन के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उनकी बात को एक महत्वपूर्ण इनपुट के रूप में देखा जाता है।
अंत में सूचना प्रौद्योगिकी को पानी के राष्ट्रव्यापी आंकड़ों का मिलान करने और वास्तविक समय दिखाने के लिए एक पोर्टल www.ejalshakti.gov.in पर उत्तोलन शक्ति दी गई है। एक राष्ट्रीय जल जीवन कोष (आरजेजेके) की स्थापना उन लोगों के योगदान को स्वीकार करने के लिए की गई है जो गांवों से आये हैं, लेकिन फिर भी अपने मूल स्थान से प्रेम करते हैं। जल्द ही, वे इस पोर्टल के माध्यम से पानी समिति के सदस्यों के साथ बातचीत करके विशिष्ट जलापूर्ति संबंधी कार्यों के लिए एक माउस क्लिक करने पर दान कर सकेंगे।
इसलिए, जल जीवन मिशन केवल एक योजना नहीं है जिसके परिणाम केवल प्रदान किए गए कनेक्शनों तक ही सीमित हैं, बल्कि यह लोगों की भागीदारी, सशक्तिकरण, समायोजन, समावेश और इक्विटी के जरिये सामाजिक क्रांति को आगे ले जाना है।
(लेखक केंद्रीय राज्य मंत्री (जल शक्ति/सामाजिक न्याय और अधिकारिता) हैं।)