टाटा स्टील ने रचा इतिहास, माइन की सभी शिफ्टों में काम करेगी महिलाएं

झारखंड मुख्य समाचार
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जमशेदपुर। टाटा स्‍टील ने इतिहास रच दिया। कंपनी की नोआमुंडी आयरन माइन के सभी शिफ्टों में अब महिलाएं काम करेगी। कंपनी ने 22 महिला एचईएमएम (हैवी अर्थ मूविंग मशीनरी) ऑपरेटरों के पहले बैच को तैनात कि‍या है। शुक्रवार को ओएमक्यू डिवीजन के जेरनल मैनेजर अतुल भटनागर, और चीफ एचआरएम (रॉ मैटेरियल्स) सिद्धार्थ शाह की उपस्थिति में ‘तेजस्विनी 2.0’ नामक इस पहल को एचआरएम की वाईस प्रेसिडेंट सुश्री अत्रेई सरकार और वाईस प्रेसिडेंट (रॉ मैटेरियल्स) डी बी सुंदररामम ने संयुक्त रूप से लॉन्‍च किया।

अकुशल महिला कर्मियों को तकनीकी प्रशिक्षण देने और उन्हें खदान के मुख्य कार्यों के निष्पादन में सक्षम बनाने के दृष्टिकोण से ‘तेजस्विनी 2.0’ की रूपरेखा तैयार की गयी है। 

कंपनी में यह पहल आरंभ करने वाला ‘ओर, माइंस ऐंड क्वैरीज (ओएमक्यू)’ पहला डिवीजन है। इस कार्य के लिए 350 से अधिक आवेदन मिले थे। लिखित परीक्षा और व्यक्तिगत साक्षात्कार के बाद इनमें से 22 उम्मीदवारों का चयन किया गया। नया ज्वाइन करने वाली सभी महिलाओं की औसत आयु 23 वर्ष है। आवेदन करने के लिए न्यूनतम आवश्यक शैक्षणिक योग्यता मैट्रीकुलेशन थी।

एचईएमएम ऑपरेटर के रूप में इनके कौशल को निखारने के लिए इन उम्मीदवारों को गहन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उनके प्रशिक्षण के सफल समापन के बाद इन महिलाओं को एचईएमएम संचालित करने के लिए ऑपरेशन असिस्टेंट के रूप में तैनात किया जाएगा। इसमें डम्पर, डोजर, शॉवेल, एक्सकैवेटर और ड्रिल शामिल हैं। यह पहल स्थानीय प्रतिभाओं को सशक्त बनाने की दिशा में भी एक कदम है, क्योंकि इनमें से अधिकांश झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित नोआमुंडी की स्थानीय महिलाएं हैं।

सुश्री अत्रेई सरकार ने कहा कि 22 महिलाओं को पहले बैच को शामिल कर हमें काफी प्रसन्‍नता हो रही है, जो हमारे नोआमुंडी आयरन माइन में एचईएमएम ऑपरेटरों के रूप में ज्वाइन करेंगी। ‘तेजस्विनी 2.0’ पहल संस्थान में विविधता और समावेश (डीएंडआई) की संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। कार्यस्थल पर विविधता को प्रोत्साहित करने के लिए ‘वीमेन@माइंस’ जैसी कई अग्रणी पहल की शुरुआत कर टाटा स्टील ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में पथप्रदर्शक का काम किया है। एक विविधतापूर्ण कार्यबल के साथ-साथ महिला नेतृत्वकर्ताओं को साथ बनाए रखने और उन्हें विकसित करने के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण का हमारा प्रयास निरंतर जारी है।

टाटा स्टील ने 2025 तक 20% महिला कार्यबल के लक्ष्य को प्राप्त करने और संस्थान में विविधता और समावेश को बेहतर बनाने के लिए लगातार कदम उठाए हैं। इससे पहले सितंबर, 2019 में, तीनों शिफ्टों में महिलाओं की तैनाती की अनुमति देने वाले कानून में संशोधन के बाद सभी शिफ्टों में महिलाओं को तैनात करने वाली टाटा स्टील देश की पहली कंपनी बनी। ‘तेजस्विनी 2.0’ खनन क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें रोजगार देने की दिशा में एक अनन्य कदम है। टाटा स्टील के वेस्ट बोकारो डिवीजन ने भी महिला एचईएमएम ऑपरेटरों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की है।