नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद भारत ने एक उदाहरण पेश किया कि अपने जवानों के लिए वह कोई भी कदम उठा सकता है। शाह ने शुक्रवार को यहां ‘नेशन फर्स्ट: द हिस्ट्री ऑफ सीआरपीएफ’ पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ये पुस्तक आने वाले कई सालों के लिए सीआरपीएफ के सभी जवानों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत होगी।
उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले को देश अब तक याद करता है। यह पहली बार था जब भारत ने उत्तर दिया और हमारे सीआरपीएफ जवानों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया। एक उदाहरण सेट किया गया था कि हम अपने जवानों के लिए कठोर कदम उठा सकते हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री का आभार जताते हुए सीआरपीएफ के महानिदेशक डॉ ए.पी. माहेश्वरी ने कहा कि यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत की गई है जो भविष्य की पीढ़ियों का मार्गदर्शन करेगी। माहेश्वरी ने बल के सभी बहादुर जवानों को पुस्तक समर्पित की और अंतिम सांस तक राष्ट्र को पहले रखने की प्रतिबद्धता को दोहराया।
दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहासकार डॉ भुवन कुमार झा द्वारा संकलित इस पुस्तक में वर्ष 1939 से लेकर आज तक की परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में सामने आई घटनाओं के गहन विवरण और सीआरपीएफ के इतिहास का उल्लेख किया गया है।