‘आंदोलनजीवी’ होने पर गर्व, महात्मा गांधी भी थे: चिदंबरम

नई दिल्ली
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नई दिल्ली। केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को लेकर लगातार सरकार और विपक्ष के बीच वार-पलटवार का क्रम जारी है। बीते दिनों बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘आंदोलनजीवी’ शब्द का जिक्र किया था। तब उन्होंने कहा था कि बुद्धिजीवी तो सुना था लेकिन ‘आंदोलनजीवी’ का पता अब चल रहा है।
इशारों-इशारों में विपक्ष पर निशाने साधने के बाद से पीएम मोदी के बयान पर आज पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने भी प्रतिक्रिया देते हुए खुद को आंदोलनजीवी बताया है। उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें आंदोलनजीवी होने पर गर्व है। 

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा था कि देश में एक नया समुदाय ‘आंदोलनजीवी’ सामने आया है, जो सरकार की हर नीति और फैसले के खिलाफ आंदोलन करता है या उसे बढ़ावा देता है। पीएम मोदी ने ऐसे लोगों को राष्ट्र के लिए परजीवी की भी संज्ञा दी थी। उन्होंने कहा था कुछ लोग आंदोलन के बिना नहीं जी सकते, इन्हें पहचानने तथा इनसे बचने की जरूरत है क्योंकि ये सिर्फ लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के इसी बयान को लेकर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, “मैं गर्व से आंदोलनजीवी हूं। जैसा कि जीवन महात्मा गांधी थे।” उन्होंने कहा कि देश में कई ऐसे मुद्दे रहे हैं जिसपर हिंसा के बजाय शांति से आंदोलन करने की जरूरत थी और कांग्रेस पार्टी ने वैसा किया। ऐसे में आज आंदोलनजीवी कहकर कोई इसे झुठला नहीं सकता।