कृषि कानून की वापसी को लेकर कांग्रेस का प्रखंडों में किसान सम्मेलन कल

झारखंड
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आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी कृषि कानून की वापसी को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की तैयारी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने रांची में राजभवन मार्च और संथाल परगना में ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इसी कड़ी में 10 फरवरी को प्रखंड स्तर पर किसान सम्मेलन, 13 फरवरी को जिला स्तर पर पदयात्रा और 20 फरवरी को हजारीबाग में राज्यस्तरीय किसान सम्मेलन सह ट्रैक्टर रैली होगी। उक्त बातें पार्टी के प्रवक्ता ज्योति सिंह मथारू ने कही। वे जिला कार्यालय में प्रेस से बात कर रहे थे।

श्री मथारू ने कहा कि सर्दी में खुले आसमान के नीचे देश के किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। गांधीवादी तरीके से अपने संवैधानिक हकों का निर्वाह करते हुए लड़ रहे हैं। कभी-कभी तो बिस्तर भी बारिश से गीला हो गया। आंसू गैस के गोले छोड़े गए। वॉटर कैनन चलाए गए। इसके बाद भी किसान 75 दिन से डटे हुए हैं। इस आंदोलन में 175 किसानों ने शहादत दी है। सत्ता के अहंकार में चूर मोदी सरकार इस आंदोलन को बदनाम करने और आंदोलनकारियों को थकाने के लिए रोज नए हथकंडे अपना रही है।

प्रवक्ता ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री ने संसद को गुमराह करने और देश को भटकाने की एक नयी कोशिश की। प्रधानमंत्री द्वारा भी संवेदनहीनता दिखाते हुए आदोलनकारियों का उपहास उड़ाया गया। सार्वजनिक तथ्य है कि किसान संगठन सरकार से 11 दौर की बैठकें कर चुके हैं, जिसमें किसानों ने तीन कृषि कानूनों में विभिन्न खामियों का बिंदुवार व्यौरा दिया है। इसके बाद केंद्र सरकार तीन कानूनों में 18 संशोधन करने की बात स्वीकार कर चुकी है। ऐसे में कृषि मंत्री का संसद में दिया गया वक्तव्य बेहद आपत्तिजनक और तथ्यों से परे है।

मौके पर जिलाध्यक्ष शब्बीर खान, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव डॉ लाल अजय नाथ शाहदेव, जिला प्रवक्ता रामाधार पाठक, युवा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष संतोष महतो भी उपस्थित थे।