​​​आईओआर क्षेत्र की समुद्री चुनौतियों से निपटना होगा: राजनाथ

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– एयरो इंडिया-2021 में दूसरे दिन हिन्द महासागर क्षेत्र के ​रक्षा मंत्रियों ​का ​​कॉन्क्लेव ​
– ​हिन्द महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि का विकास चाहता है भारत 

बेंगलुरु। एयरो इंडिया-2021 में दूसरे दिन ​गुरुवार को हिन्द महासागर क्षेत्र ​(आईओआर​​) ​के ​​रक्षा मंत्रियों ​का ​​कॉन्क्लेव ​शुरू हुआ। ​रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ​इसमें शामिल हो​ रहे सभी​ अन्य देशों के रक्षा मंत्रियों का हार्दिक आभार व्यक्त ​करते हुए कहा कि यह कॉन्क्लेव संस्थागत और सहकारी वातावरण में ​आपसी ​संवाद को बढ़ावा देने ​की पहल है, जो ​हिन्द महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के विकास को बढ़ावा दे सकता है। ​आईओआर क्षेत्र में ​भारत की ​7500 किलोमीटर​ लम्बी विशाल तट रेखा ​है, इसके कारण ​भारत इन ​सभी देशों के ​साथ ​शांतिपूर्ण और समृद्ध सह-अस्तित्व के लिए सक्रिय भूमिका ​निभाना चाहता है​​।

रक्षा मंत्री ने कहा कि ​​हिन्द महासागर हम सभी की साझा संपत्ति है​, यानी ​यह अंतर​राष्ट्रीय व्यापार और परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण जीवनरेखा है​​। ​​​हिन्द महासागर​ ​दुनिया के कंटेनर जहाजों के आधे हिस्से को ले जाने वाले प्रमुख समुद्री लेन पर नियंत्रण रखता है​​।​​​ ​यह ​दुनिया के थोक कार्गो यातायात का एक तिहाई ​और ​दुनिया के तेल लदान ​का दो तिहाई​ हिस्सा है​​।​ हिन्द महासागर क्षेत्र के प्रति ​भारत का दृष्टिकोण हमारे सभ्यतागत बुनियादी लोकाचार ​’​वसुधैव कुटुम्बकम​’ ​से निकलता है, जिसका अर्थ है कि संपूर्ण विश्व एक परिवार है। इसलिए​ इस कॉन्क्लेव में सुरक्षा, वाणिज्य, कनेक्टिविटी, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और भाग लेने वाले देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

हिन्द महासागर क्षेत्र (​​आईओआर) में वर्तमान समुद्री सुरक्षा परिदृश्य में समुद्री डकैती, ड्रग्स​ और हथियारों की तस्करी, मानवीय और आपदा राहत​, खोज और बचाव (एसएआर) जैसी कई चुनौतियां हैं। आईओआर देशों के बीच समुद्री सहयोग इन चुनौतियों ​से निपटने ​और क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद कर ​​सकते हैं।​ इसलिए हमें इन खतरों को एक साथ देखने ​के लिए हाथ मिलाना होगा, क्योंकि आज एक ​देश ​का खतरा दूसरे ​के लिए कल ​का खतरा बन सकता है। ​मौजूदा ​समुद्री संसाधन​ हिन्द महासागर क्षेत्र में निरंतर विकास और राष्ट्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण होंगे।​ उन्होंने कहा कि हमने पहले ही दुनिया के कुछ समुद्री क्षेत्रों में नकारात्मक प्रभाव देखा है। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ​हिन्द महासागर का समुद्री विस्तार शांतिपूर्ण ​और ​इस क्षेत्र के सभी देशों के ​हित में हो​।

रक्षा मंत्री ने ​हिन्द महासागर​ क्षेत्र के लिए ​भारत सरकार ​की ओर से किये जा रहे प्रयासों के बारे में बताते हुए कहा कि सागर​ प्रोजेक्ट के माध्यम से आईओआर देशों के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न नीतिगत पहल की ​गई ​हैं, जैसे सागरमाला, प्रोजेक्ट मौसम और एशिया अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर आदि।​ इसी तरह आर्थिक रूप से सुरक्षा में सहयोग​ के लिए गैर-पारंपरिक खतरे जैसे प्राकृतिक आपदा, समुद्री डकैती, आतंकवाद​ आदि​ के खिलाफ भी कदम उठाये गये हैं​।​ इसलिए इस क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी ​आईओआर ​देशों के लिए​ ​समय ​की मांग ​है कि हम अपनी अर्थव्यवस्था, व्यापार, नौसेना सहयोग को उच्च स्तर पर ले जाएं।​ आईओआर में देशों के वायदे परस्पर जुड़े हुए हैं और इस बात पर निर्भर करते हैं कि हम ​हिन्द महासागर में उभरती चुनौतियों और लाभ उठाने के अवसरों को कित​ने प्रभावी ​ढंग से निपटाते हैं।