भोपाल। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में मंगलवार सुबह हुए बस हादसे में अबतक 50 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार बाण सागर नहर से अन्य तीन शव निकाले गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हादसे में कई अनमोल जिंदगियां असमय काल कवलित हो गईं। यह अत्यंत हृदय विदारक है। सरकार पीड़ितों के परिजनों को हरसंभव मदद पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीधी बस दुर्घटना में रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरी मुस्तैदी के साथ टीम सुबह ही जुट गई थी। मैं सतत राहत व बचाव टीम के संपर्क में हूँ।
उन्होंने बताया कि इस हादसे में हताहत हुए भाई-बहनों के शव को ससम्मान ले जाने और अंतिम संस्कार के लिए जो आवश्यक व्यवस्थाएं चाहिए, वैसी व्यवस्थाएं बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि दो मंत्रियों को घटनास्थल पर भेजा। तुलसी सिलावट और रामखेलावन पटेल रीवा अस्पताल पहुंच गए हैं और वहां मृतकों तथा घायलों के परिजनों को उचित सहायता मुहैया करा रहे हैं।
वहीं, प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने बताया कि हादसे का शिकार हुई बस (एमपी-19/पी-1882) का परमिट रद्द कर दिया गया है। यह बस जबलानाथ परिहार ट्रेवल्स की थी। बस के मालिक कमलेश्वर सिंह हैं। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच में जो भी दोषी होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अब भी घटनास्थल पर हैं।
हादसे के बाद मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने सात लोगों को बचा लिया।
इसके बाद पुलिस एनडीआरएफ, जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। घटनास्थल पर रीवा जोन के आईजी उमेश जोगा, डीआईजी अनिल सिंह कुशवाह, एसपी सीधी पंकज कुमावत, एसपी रीवा राकेश सिंह सहित भारी पुलिस बल और कलेक्टर सीधी सहित प्रशासनिक अमला मौके पर मौजूद हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के सीधी जिले में रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह बाणसागर बांध परियोजना से जुड़ी 25 फीट गहरी नहर में बस गिरने से यह दुर्घटना हुई है।