नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गुजरात से दो और असम से राज्यसभा के लिए एक सीट पर हुए उपचुनाव जीतने के बाद ऊपरी सदन में बहुमत के आंकड़े के काफी नजदीक पहुंच गई है। 245 सदस्यीय राज्यसभा में अब भाजपा और इसके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सहयोगियों का संख्या बल लगभग 114 पहुंच गया है । इसमें सदन के मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं।
गुजरात से राज्यसभा की दो सीटों के लिए उपचुनाव में भाजपा के दोनों उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए । राज्य में कांग्रेस के अहमद पटेल और भाजपा के अभय भारद्वाज के निधन से ये स्थान रिक्त हुए थे। इन सीटों के लिए उपचुनाव में भाजपा से रामभाई मोकरिया और दिनेश प्रजापति निर्वाचित हुए हैं। इस उपचुनाव में कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी खड़े नहीं किए थे तथा सोमवार को नामांकन पत्र वापस लिये जाने की तिथि समाप्त होने पर भाजपा उम्मीदवारों के निर्वाचन की घोषणा की गई। उधर, असम से हुए उपचुनाव में भी भाजपा के बिस्वजीत दैमारी निर्वाचित हुए हैं।
केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार राज्यसभा में बहुमत न होने की समस्या से जूझती रही है। लोकसभा में प्रचंड बहुमत के बावजूद महहत्वपूर्ण विधेयकों को ऊपरी सदन से पारित कराने में सत्तारूढ़ गठबंधन को परेशानियों से अक्सर ही दो-चार होना पड़ा है। सरकार ने कई विधेयकों को धन विधेयक घोषित कर राज्यसभा में बहुमत न होने की समस्या के उबरने की कवायद की थी। विपक्षी सदस्य विधेयकों को धन विधेयक के रूप में पेश करने का विरोध करते रहे हैं।
पिछले दिनों सत्तारूढ़ राजग को अपने दो सहयोगियों शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और असम गण परिषद (अगप) को गंवाना पड़ा है। ऊपरी सदन में शिअद के तीन और अगप का एक सदस्य है।
राज्यसभा में मोदी सरकार का बहुमत न होने के कारण होने वाली समस्या का एक ब्योरा पूर्व सभापति हामिद अंसारी की हाल में प्रकाशित आत्मकथा से मिलता है। हामिद अंसारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे कहा था कि सदन में विधेयकों को पारित कराने में उनकी ओर से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।